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Women Empowerment – महिला सशक्तिकरण आदर्श समाज का दर्पण

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Women Empowerment– आज के समय में महिला सशक्तिकरण (Women Empowerment) एक गहन चिंतन का मुद्दा बन चुका हैं। क्योंकि आज के समय में हर बच्चे को महिला के सम्मान का महत्व सिखाया जाता हैं। सिखाया यह जाता है की जहाँ नारी की पूजा और सम्मान होता है वही देवी देवता का वास होता हैं।

आज के समय में हर जगह महिला सशक्तिकरण को लेकर समाज में कई तरह के कार्यक्रम कर के जागरूकता फैलाई जा रही है। क्योंकि आज भी बहुत सी ऐसी जगह भी है। जहाँ महिलाओं की सम्मान की दृष्टि नहीं देखा जाता है । जिसके लिए भारत में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई तरह के कार्यक्रम किए जाते है जैसे महिला दिवस, अंतरराष्टीय महिला दिवस आदि। जिससे सरकार देश में चल रही महिला के प्रति राक्षसी सोच को खत्म कर सके।

Women Empowerment

क्या अर्थ है महिला सशक्तिकरण का

यू तो महिलाओ को समाज का अस्तित्व माना गया है , अर्थात महिला से ही एक समाज की पहचान होती है। लेकिन वही महिला को समाज में कई तरह के भेदभाव का सामना भी करना पड़ता हैं। यहां तक की अपको बता दे, की समाज में रहन सहन तो जरूर बदला हैं। लेकिन महिला को लेकर आज भी समाज वही सोच लेकर खड़ा हुआ हैं। तो जिसके लिए समाज में महिला सशक्तिकरण को लेकर जागरूकता फैलानी अति अवशायक हो चुकी हैं।

महिला सशक्तिकरण का अर्थ है की समाज में महिला के प्रति सुधार लेकर आना। जिसे वह समाज में रह कर अपनी हक के लिए लड़ सके। यानी महिला समाज में रह कर अपनी तरक्की, कामयाबी और अपना हक हासिल कर सके। सरल शब्दों में महिला सशक्तिकरण का अर्थ केवल इतना हैं, की एक महिला समाज में अपने परिवार में बिना किसी भेद भाव के रह सके। और अपने फैसले वे खुद ले सके। एक महिला को समाज और परिवार में अपने अधिकार को प्राप्त करने के लिए उन्हे सक्षम बनाना ही महिला सशक्तिकरण कहलाता हैं।

क्यों जरूरी है महिला सशक्तिकरण

महिला को परिवार और समाज की वो नीव कहा गया है जिससे परिवार और समाज आगे बढ़ता है। तो ऐसे में अगर वही महिलाओं के साथ समाज या परिवार में भेद भाव किया जाएगा। तो देश आगे की और नही पीछे की और जायेगा। अगर यही पुराने समय की बात की जाए तो पुराने समय में समाज पुरुष प्रधान था जहाँ महिलाओं को परुषो को सोच तले और समाज की सोच द्वारा दबाया जाता था। जिसके चलते महिलाओं की प्रगति में रोक लग जाती थी। और वह उसी सोच तले दब जाती थी। जिससे वह अपने कोई फैसले नही ले पाती थी। वैसे तो हमारा समाज महिलाओं की पूजा में बेहद आगे है।

लेकिन वही समाज महिलाओं के लिए राक्षसी सोच लेकर उन्हे दबाता रहता था। जिसके लिए सरकार ने महिला को विकसित करने के लिए महिला सशक्तिकरण का अभियान शुरू किया। क्योंकि कहा जाता है की अगर महिला आगे बढ़ेगी तो हमारा देश भी आगे बढ़ेगा। जिसके चलते महिला सशक्तिकरण को समाज में लाया गया, और उन महिलाओं को जागरूक किया गया। जो सरकारों द्वारा मिल रही जरुरत से खुद के सपने और अपने फैसले में सक्षम बना सके ।

महिला सशक्तिकरण में बाधाए

समाज में भेदभाव

भारत में अधिकतर जगह है जहाँ आज भी महिलाओं और परूषो में भेदभाव किया जाता हैं। जिसके चलते परिवार वाले महिलाओं की प्रगति में पाबंदी लगा देते हैं। क्योंकि कुछ क्षेत्रों में आज भी महिलाओं को बाहर जाकर पढ़ने पर पाबंदी होती है जिससे वह उसी वातावरण में रह जाती है जहाँ से वह ऊपर नहीं उठ पाती।

पुरुष प्रधान मानता

जैसे की हम सब जानते हैं की हमारा समाज पुरुष प्रधान ही रहा हैं जहाँ पर कई क्षेत्र आज के समय में जागरूक तो हुए है वही कई ऐसे क्षेत्र भी है जहाँ आज भी महिलाओं और पुरुष में भेदभाव होते है और आज भी महिलाओं को अपने फैसले के लिए पुरुष जाति की अनुमति की आवश्यकता पड़ती है जिसके चलते ऐसे वातावरण में महिलाएं खुद को पुरुषो से कम समझने लगती हैं।

प्रथाओ का बोझ

भारत देश में बहुत से ऐसे क्षेत्र है जहाँ आज भी महिलाओं को लेकर बहुत सी राक्षसी प्रथाएं है जिन्हें देश में इन प्रथाओ को खत्म करना बेहद अनिवार्य बन चुका है। आज भी समाज दहेज और महिलाओं को लेकर चल रही प्रथाओं में मान्यता रखता है। जिसके चलते परिवार और समाज आज भी महिलाओं को बोझ समझता है और उनकी प्रगति में अड़चन बनता हैं।

कन्या भूर्ण हत्या

समाज में सोच तो बदली है। लेकिन आज भी कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जो महिला सशक्तिकरण में बाधा के रूप में सामने आते है। जिसमे आज के समय में सबसे बड़ी बाधा है कन्या भ्रूण हत्या, जिसमे लिंग के भेदभाव के चलते गर्भवती मां की जांच करवाई जाती है। और लड़की के होने पर बिना मां की सहमति की गर्भपात करवा दिया जाता हैं।

महिला सशक्तिकरण का महत्व

कई लोगो के मन में यह सवाल अवश्य आता होगा की महिला सशक्तिकरण से हमारा समाज किस तरह आगे बड़ेगा। तो आपको बता दे की महिला समाज की वो नीव है जिसके सहारे देश की प्रगति में काफी सुधार आ सकता है। तो आइए जानते है समाज में होने वाले सुधारो को

  1. समाज का विकास: अगर हमे देश की प्रगति चाहिए तो सबसे पहले हमे समाज से भेदभाव जैसे कीड़े को खत्म करना पड़ेगा। जिसके महिला की विकास से समाज में विकास होगा। अगर हर घर की महिला को शिक्षित किया जाए तो हर परिवार और समाज का विकास होगा।
  2. घरेलू हिंसा होगा कम: महिला सशक्तिकरण से महिला को विकसित किया जायेगा। जिसे क्षेत्र में हो रही घरेलू हिंसा को खत्म किया जाएगा। और हर समाज की महिला पढ़ लिख कर अपने लिए सक्षम होगी। जिससे वह अपने खिलाफ हो रही हिंसा के प्रति आवाज उठा पाएगी।
  3. महिला बनेगी आत्म निर्भर: हमारा देश की सोच हमेशा से महिला की प्रति चार दिवारी मैं ही रही है। जिसके चलते उन्हें घर के कामों में ही विकसित किया गया है। लेकिन महिला सशक्तिकरण से महिला को पढ़ाई के साथ साथ विकास के हर क्षेत्र में प्रोत्साहित कर सकते है जिससे समाज की हर महिला आत्मनिर्भर होकर नौकरी कर सकती हैं।
  4. होगा देश का विकास कम होगी गरीबी: गरीबी देश का दूसरा सबसे अहम विषय है जिसके चलते पुरुष जाति अपने परिवार की पर्याप्त मांगो को पूरा नहीं कर पाते। जिससे महिला सशक्तिकरण के चलते महिला आत्म निर्भर बन कर पुरुष के साथ नौकरी करेगी और उसके साथ कंधा से कंधा मिला कर चलेगी। जिससे देश में विकास होगा और गरीबी की सीमा कम होगी।
निष्कर्षWomen Empowerment

इस लेख में महिला सशक्तिकरण को एक बेहद अहम विषय दिया गया है। क्योंकि समाज सुधार तभी होगा जब हर घर में महिला को सम्मान और उसे आजादी दी जाएगी। जैसे की कहा जाता है की एक महिला अपने परिवार को संभालने में बेहद जिम्मेदार मानी जाती है। जिसके चलते उनका समाज और परिवार में उनका विकास होना बेहद जरूरी है अगर महिलाओ का होगा विकास तो देश का भी होगा विकास ।

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