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Vikas Divyakirti – Drishti IAS Academy

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Vikas Divyakirti Biography in Hindi

आज के समय में देशभर में बहुत से ऐसे कोचिंग सेंटर हैं जो बच्चो को अच्छी शिक्षा देने और IAS बनाने का दावा करते है, लेकिन आज एक ऐसे कोचिंग सेंटर के बारे में बात कर रहे है जिसने काफी कम समय में लोकप्रियता बटोर ली है और जिसे आज हर बच्चा–बच्चा यूपीएससी (UPSC) वे आईएएस (IAS) की परीक्षा को क्रैक करने के वहा पड़ना चाहता है । जो बच्चा अपने जीवन में आईएएस बनाना चाहता हैं उसका सपना होता है की वे सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी इसी कोचिंग सेंटर से करे और अपने जिंदगी के सफर को दिशा दे सके ।

जानते है उस कोचिंग सेंटर के बारे में। (Drishti Coaching Center)

आज हम जिस कोचिंग सेंटर की बात कर रहे हैं वह वर्तमान में काफी चर्चा में है , जिसे आज आईएएस की परीक्षा के लिए नंबर 1 कोचिंग सेंटर माना जाता है, जिसका नाम दृष्टि आईएएस कोचिंग सेंटर ( Drishti coaching center) है जो दिल्ली में स्थित है। ये कोचिंग सेंटर एक लोकप्रिय शिक्षक का है जिनका नाम डॉ विकास दिव्यकीर्ति (Dr. Vikas Divykirti) है, जिनका जन्म 26 दिसंबर 1973 में हरियाणा (Haryana) के एक छोटे गांव मध्यवर्गीय ब्राह्मण परिवार में हुआ था। जिनके दोनो माता पिता शिक्षक थे, आपको बता दे, की इनके पिता महर्षि दयानंद सरस्वती में हिंदी के प्रोफेसर थे व माता भिवानी के शहर एक स्कॉल में हिंदी की अध्यापिका थी। और दो भाई जो वर्तमान में नौकरी कर रहे हैं।

पढाई में भी थे होनहार (Vikas Divyakirti)
डॉ विकास जिन्हे बचपन से ही पढ़ाई में काफी रुचि थी, क्योंकि इनके माता पिता जो एक शिक्षक थे जिसके चलते उन्हें भी हिंदी में काफी रुचि थी व घर का माहौल भी काफी शिक्षित था। इन्होंने अपनी 12 वी तक की पढ़ाई भिवानी, हरियाणा में सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल (Sarswati, Shishu Mandir School) से की। जिसके बाद उन्होंने अपने स्नातक की डिग्री बी ए (B.A) इतिहास में पूर्ण की। हिंदी में काफी रुचि होने के कारण हिंदी साहित्य एम ए (M.A) और एमफिल की डिग्री हासिल की। डॉ विकास की पढ़ाई का सफर यह खत्म नहीं हुआ जिसके बाद उन्होंने एलएलबी (L.L.b) की डिग्री हासिल की।

भारत की सबसे कठिन परीक्षा के लिए आवेदन

डॉ विकास (Vikas Divyakirti) जिन्होंने पीएचडी (PHD) की डिग्री भी हासिल की। जिसके बाद उन्होंने परिवार के कहने पर भारत की सबसे कठिन परीक्षा यूपीएससी (UPSC) के लिए आवेदन किया। जिसके बाद उन्होंने सिविल सर्विस की परीक्षा को पहले अटेम्प्ट में ही क्रैक कर दिया था। और आईएएस के पद को हासिल किया, लेकिन उनका मन अपनी नौकरी में नहीं लगता था। क्युकी उनका कहना था की ये नौकरी उनके लिए नहीं थी। जिसके चलते उनकी सोच थी की जो संतुष्टि उनको चाहिए वो इस नौकरी में नहीं है। जिसके बाद उन्होंने रिजाइन लेटर देकर अपनी नौकरी को छोड़ दिया।

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दृष्टि कोचिंग सेंटर का निर्माण
जब डॉ विकास दिव्यकीर्ति (Vikas Divyakirti ) ने अपनी नौकरी को छोड़ दिया था, तो लोगो के मन में कई तरह की आशंका होने लगी, जिस वजह से लोगो ने कई तरह के प्रश्न भी उठाए। क्योंकि आईएएस का पद एक ऐसा पद है जिसे लाखो लोग हासिल करना चाहते हैं। लेकिन डॉ विकास को यह नौकरी रास नहीं आई। आपको बता दे, की डॉ विकास कहते है की जब उन्होंने नौकरी छोड़ी तो वह कई महीनो तक बेरोजगार थे उनके पास काम करने के लिए कोई भी काम नहीं था।

जब लोगो ने प्रश्न उठाए तो उन्होंने बच्चो को आईएएस की शिक्षा देनी प्रारंभ की, जिसके बाद उन्हें बच्चो से बेहद प्यार मिलने लगा। व उनके द्वारा दी गई शिक्षा बच्चो को काफी अच्छी लगने लगी। जिसके बाद उनके वहा बच्चो की काफी भीड़ होने लगी। जिसे देख उनके मन में कोचिंग सेंटर का विचार आया । और उन्होंने दृष्टि कोचिंग सेंटर का निर्माण किया, जिसने काफी मुश्किलों का सामना कर आज एक ऐसी प्रसिद्धि को हासिल किया हैं जिसकी वजह से आज उनके कोचिंग सेंटर को हर बच्चा –बच्चा जनता हैं।



कोचिंग सेंटर के साथ साथ उन्होंने एक यूट्यूब चैनल का भी निर्माण किया, जिस पर वह अपने द्वारा बनाए नोट्स डालते है जो बच्चो को उनके प्रोब्लम का सॉल्यूशन देते हैं। साथ ही बच्चो को सिविल परीक्षा को क्रैक करने की जानकारी भी देते हैं। यूट्यूब चैनल के माध्यम से डॉ विकास बेहद लोकप्रिय शिक्षक बन गए। जिनकी क्लासेज लेना हर बच्चा पसंद करता है !

वर्तमान में डॉ विकास दिव्यकीर्ति (Vikas Divyakirti) जो शादी शुदा है और उनका एक लड़का भी है। डॉ विकास की शादी डॉ तरुणा शर्मा से 26 मई 1997 में हुई। जिसके बाद उन्होंने बताया की वो दृष्टि कोचिंग में आज एम डी (MD) के पद को निभा रही है।

अपने सपनो को किया साकार

(Vikas Divyakirti ) का अपनी नौकरी में मन न लगने के कारण, उन्होंने बच्चो को आईएएस की शिक्षा देने का सोचा। जिस सपने को उन्होंने कड़ी मेहनत कर पूरा किया। दृष्टि कोचिंग सेंटर का देखा हुआ सपनो बच्चो के प्यार से आज साकार हुआ। विकास सर ने एक सपना देखा था की वो एक अच्छी शिक्षक के रूप में बच्चो को शिक्षा दे। जिस सपने को आज उन्होंने अच्छे शिक्षक के रूप में दृष्टि को पूर्ण किया।

विकास सर जिनका पढ़ाने का तरीका आज बच्चो को बहुत अच्छा लगता हैं जिसकी वजह से आज जगह – जगह से बच्चे उनसे कोचिंग लेने आते हैं। और अपने सपनो को पूरा करते हैं। शुरुवाती दिनों में कोचिंग के दिन अच्छे नहीं थे जिसके बाद उनकी मेहनत से उनका सफर बदला और आज वह काफी प्रसिद्ध शिक्षक है।

असल जिंदगी में एक शिक्षक को जीवन में गुरु की सबसे बड़ी मानता दी गई हैं। जो बच्चे को सही राह दिखा कर उसकी जिंदगी सवारता हैं। और आज यही कार्य डॉ विकास दिव्यकीर्ति कर बच्चो को असल जिंदगी की रहा दिखा कर उन्हे जिंदगी में कुछ बनने के लिए प्रेरित कर रहे है। और आज के जीवन में हमे ऐसे गुरु की काफी अवशक्यता हैं ।

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