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Vaishno Devi – वैष्णो देवी माता मंदिर का इतिहास

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Vaishno Devi – हमारे भारत में बहुत से देवी देवताओ को पूजा जाता है , जिनके मंदिर भारत के कोने कोने में बने हुए है, लोग मन में श्रद्धा और विश्वास लिए इन तीर्थ स्थानों के दर्शन करने आते है, आज एक ऐसे ही तीर्थ स्थान के बारे में बताएंगे , जहा माता शेरावाली का वास है जिसके दर्शन करने के लिए लोग कई किलोमीटर चढ़ाई कर अपनी मनोकामना लेकर मां के दर्शन करने जाते है।

Vaishno Devi

वैष्णो देवी माता मंदिर – Vaishno Devi Temple

कहा जाता है की माता वैष्णो देवी ने त्रेता युग में मनुष्य का कल्याण करने के लिए माता पार्वती , माता लक्ष्मी और माता सरस्वती का रूप लेकर एक सुंदर राजकुमारी का जन्म लिया था। जिसके बाद उन्होंने मनुष्य के कल्याण के लिए तपस्या की। आज लोगो के अंदर माता वैष्णो देवी को लेकर मान्यता है और उनके दर्शन के लिए लाखो की संख्या में दूर–दूर से लोग दर्शन करने आती हैं।

कहाँ स्थित है माता वैष्णो देवी मंदिर

एक ऊंचे पर्वत पर स्थित मां वैष्णवी देवी का मंदिर जो करीबन 5200 फीट की ऊंचाई पर स्थित जम्मू और कटरा में स्थित है। यह मंदिर में हर साल श्रद्धालु आते है और माता की चढ़ाई जो 13 किलोमीटर की दूरी पर है और उनके दर्शन करते है, चढ़ाई के साथ साथ यह कई सारे साधन है जिसके द्वारा मां वैष्णवी के मंदिर में पहुंचा जा सकता है जैसे की हेलीकॉप्टर व पालकी की सुविधा, भी उपलब्ध है। कहा जाता है की माता रानी का मंदिर एक गुफा में स्थित है जहा मां तीन रूप में निवास करती है जिसमे से एक महासरस्वती, महालक्ष्मी और महाकाली ।

कैसे शुरू होती है माता वैष्णवी मंदिर की चढ़ाई

अक्सर ज्यादातर लोगो को रात में ही चढ़ाई करना काफी पसंद है। क्योंकि अधिकतर लोग रात में इसलिए चढ़ाई करते है क्योंकि मां वैष्णवी का दरबार रात को काफी सुंदर लगता है और चढ़ाई करते वक्त पहाड़ों का दृश्य काफी सुंदर और देखने लायक होता हैं। लोगो बड़े जोश में माता की चढ़ाई एक सुंदर भजन के साथ करते “चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया है जोर से बोलो जय माता की”।

उस समय लोगो का जोश काफी देखने लायक होता हैं। अपको बता दे की यात्रा की शुरुवात पर्ची लेकर करनी पड़ती। जहाँ पहला चेक प्वाइंट बाण गंगा है। जहाँ पर समान की चेकिंग करवा कर आगे की चढ़ाई की शुरुवात करते है। अगर जो लोग माता वैष्णवी की मंदिर की कठिन चढ़ाई नही कर सकते। तो पहले चेकप्वाइंट से हम पालकी, और कई अन्य सुविधा उपलब्ध हैं। जिसके द्वारा हम अपनी चढ़ाई को आसान कर मंदिर तक पहुंचने का आनंद उठा सकते हैं।

vaishno devi

कैसे खोज हुई माता के मंदिर की

पौराणिक कथाओं के अनुसार वैष्णवी देवी मंदिर का निर्माण 700 वर्ष पहले ही एक पुजारी के हाथो हो चुका था। ऐसा कहा जाता है की एक श्रीधर पुजारी जिन्होंने इस गुफा को ढूंढ कर उसकी पूजा की शुरुवात की थी। श्रीधर पुजारी जो काफी गरीब थे। जिनके सपने में मां वैष्णवी ने आकर उन्हे भंडारा आयोजित करने को कहा। जिसके बाद श्रीधर पुजारी ने वो भंडारा आयोजित किया और आस पास के लोगो को भंडारे का न्योता दिया। जैसे जैसे भंडारे का दिन पास आया वैसे वैसे पुजारी परेशान हो गए थे जिसके बाद वहा पर एक लड़की आई।

जिन्होंने अपना नाम वैष्णवी बताया। जिन्होंने भंडारे में लोगो को खाना परोसा। और देखते ही देखते लोगो की भारी संख्या में सारा भंडारा पूर्ण हो गया। जिसके बाद श्रीधर पुजारी ने उस लड़की को काफी ढूंढा और पता किया। लेकिन उस लड़की वैष्णवी के बारे में कुछ पता नहीं चला। और कुछ समय पश्चात मां वैष्णवी श्रीधर के सपने में आकर अपने बारे में बताया। और अपनी गुफा के बारे में बताया। जिसके बाद श्रीधर पुजारी ने उस गुफा की तलाश की और वहा माता वैष्णवी गुफा के मंदिर की पूजा की और तब से माता वैष्णवी के मंदिर का इतिहास चलता आ रहा है।

ऐसी ही भगवान में श्रद्धा के कारण भारत आज ऐसी कई कहानियों से प्रसिद्ध है जिनको सुन कर लोगो को उनके प्रति अटूट विश्वास होता है। और उनके दर पर माथा टेक अपने दुख दूर करते हैं।

माता वैष्णवी देवी के मंदिर की रोचक बाते
  1. माता वैष्णवी ने भैरव का वध कर उनका सर काट दिया था। जिसके बाद भैरव बाबा का कटा सिर 25 किलोमीटर दूर जाकर गिरा। उसके पश्चात भैरव बाबा ने मां वैष्णवी से माफी मांग और अपनी मुक्ति की पुकार लगाई। जिसके बाद मां वैष्णवी ने भैरव बाबा को मुक्ति देने के लिए वरदान दिया जो भी भक्त उनके दरबार में माथा टेकने आयेगा । वे बाबा भैरव के दर्शन अवश्य करेगा। जिससे बाबा भैरव को मुक्ति मिलेगी।
  2. ऐसा कहा जाता है। की मां वैष्णवी देवी को राम भगवान द्वारा समस्त संसार की पूजा का वरदान मिला था। क्योंकि जब राम भगवान सीता माता की खोज में नदी किनारे आए थे तो वहा मां वैष्णवी देवी ने बालिका के रूप में राम भगवान को अपने रूप में स्वीकार किया। जिसके बाद जब उन्होंने राम भगवान को बताया की वह उनको अपना पति मान चुकी है। लेकिन राम भगवान ने यह अस्वीकार करते हुए। कलयुग में उनके पति बनने का वादा किया।

कैसे पहुंच सकते है मां वैष्णवी के दरबार।

माता वैष्णवी देवी के मंदिर पहुंचने के लिए सड़क सुविधा भी उपलब्ध है। और साथ ही साथ हम ट्रेन से भी माता वैष्णवी के मंदिर पहुंच सकते है। लेकिन ट्रेन पे जाने वाले श्रद्धालु को जम्मू से उतर कर कटरा की ट्रेन ले कर। मां वैष्णवी के दरबार कटरा पहुंचा जाता हैं।

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