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Shri Shri Ravi Shankar जीवन परिचय
आज के समय में लोगों के पास चैन से बैठने के लिए एक मिनट का भी समय नहीं, ऐसे मानो की आज के समय हर व्यक्ति की जिंदगी भाग–दौड़ भरी हो चुकी। जहा पर व्यक्ति डिप्रेशन (Dipression) और टेंशन (Stress) का शिकार हों रहा हैं। ऐसे में हमे कोई ऐसे संत की जरूरत पड़ती हैं जो हमे सही रास्ता दिखाएं। जिससे हमारी जिंदगी में थोड़ी बहुत शांति आए। आज हम आपको एक ऐसे ही गुरु के बारे में बताएंगे जिनको हमने कही आध्यात्मिक चैनल पर प्रचार करते हुए देखा और सुना है। जो हर जगह शांति फैलाने का कार्य कर रहे है।
श्री श्री रवि शंकर जी का जीवन परिचय
आज हम आपको अपने लेख में एक ऐसे आध्यात्मिक गुरु के बारे में बताएंगे, जो अपने प्रवचन से लोगो की जिंदगी में शांति लाने का कार्य कर रहे है। जिनका नाम है श्री श्री रवि शंकर जी ( Shri Shri Ravi Shankar ji ) है। जिनका जन्म 13 मई 1956 में तमिल नाडु (Tamilnadu) के पापनाशम (Paapnasham) गांव में हुआ था। रवि शंकर जी बचपन से ही आध्यात्मिक रास्ते में रुचि रखने वाले थे। इनके पिता का नाम है विकेट रत्नम ( Viket Ratnam) है और माता का नाम विशालाक्षी देवी (Vishalakshi Devi) है इनके परिवार में यह कुल चार सदस्य है इनके माता पिता और इनकी बहन और वह खुद। इनकी बहन का नाम भानुमती (Bhanumati) है।
अपको बता दे, की श्री रवि शंकर जी मात्र 4 वर्ष की उम्र से ही भागवत गीता के पाठ को पढ़ना शुरु कर दिया था। क्योंकि वह बचपन से ही ऐसे बालक थे जिन्हे आध्यात्मिक रास्ता बेहद पसंद था। जिस कारण आज वह एक आध्यात्मिक गुरु के रूप में लोगो को जीने की कला सिखाते हैं।
श्री श्री रवि शंकर जी की शिक्षा
आज जो श्री श्री रवि शंकर जी के नाम से जाने वाले आध्यात्मिक गुरु। जो बचपन में आध्यात्मिक होने के साथ काफी शरारती भी थे। जिनकी शरारते काफी नटखट होती थी। श्री रवि शंकर जी ने अपने शुरुवाती शिक्षा एम. ई. एस बैंगलोर से पूर्ण की वह आगे की पढ़ाई उन्होंने सेट जोसेफ कॉलेज (Set Joseph college, banglore) बैंगलोर से स्नातक विज्ञान में पूरी की।
इन्होंने अपने आध्यात्मिक की शिक्षा पहले गुरु सुधाकर चतुर्वेदी (Sudhakar Chaturvedi) से पूर्ण की। जो महात्मा गांधी के बेहद करीब थे। उसके बाद रवि शंकर जी ने अपने दूसरे गुरु महर्षि योगी (Mahrishi Yogi) के साथ यात्रा की। अपनी शिक्षा को पूर्ण कर श्री रवि शंकर जी ने अपने गुरु महर्षि योगी के साथ मिल कर वैदिक विज्ञान के ऊपर उपदेश देने शुरू किए थे।
आर्ट ऑफ लिविंग संस्था का निर्माण (Art of living NGO)
जब रवि शंकर जी ने सन् 1980 में दुनिया भर की यात्रा कर आध्यात्मिक का प्रचार किया। जिसके बाद उन्होंने अपनी पहले संस्था “आर्ट ऑफ लिविंग” ( Art of living) का निर्माण किया। आर्ट ऑफ लिविंग का कार्य यह था की वह संस्था शैक्षणिक वे आत्म विकास के कार्यकर्म को समाप्त कर लोगो में कल्याण की भावना बड़ाने का कार्य करती हैं। साथ ही साथ रवि शंकर जी का आर्ट ऑफ लिविंग निर्माण करने का उद्देश्य यह भी था की वह चाहते थे की दुनिया में हर व्यक्ति अपनी चिंता और टेंशन को दूर कर सके।

शांति को देते है बड़ावा (Shri Shri Ravi Shankar)
श्री रवि शंकर जी संसार भर में शांति के लिए कार्य करते हैं। जिसके चलते उनके कार्यकर्म ने बहुत से देशों में जैसे – भारत में कश्मीर, असम और बिहार से लेकर कोलंबिया, कोसोवो, इराक तक अपने कार्यक्रमों से लोगो के बीच शांति पे चलने की सीख दी। क्योंकि श्री रवि शंकर जी का यह सपना था की दुनिया भर में फेल रही अशांति और बढ़ती हिंसा को वह खत्म करे। जिससे समाज का कल्याण हो।
श्री रवि शंकर जी की सुदर्शन कला
सुदर्शन कला एक ऐसी क्रिया जिसमे व्यक्ति का शरीर और मन एक बेहद अच्छी ऊर्जा से भर जाता हैं। और वह काफी शांति महसूस करता हैं। कहा जाता है की इस क्रिया के दौरान सीखने आए व्यक्ति से समझौते पर दस्तखत करवाए जाते हैं। की जो भी क्रिया वो व्यक्ति यहा सीखेगा वह किसी को नही बताएगा। अपको बता दे की, इस क्रिया को सीखने की फीस अलग अलग देशों के हिसाब से अलग–अलग है। इस सुदर्शन क्रिया का लाभ 8 वर्ष से लेकर 80 वर्ष तक का कोई भी मनुष्य उठा सकता हैं।
कही तरह के किए अच्छे काम
आर्ट ऑफ लिविंग संस्था का निर्देशय लोगो के जीवन में शांति फैलाने साथ– साथ इस संस्था ने कई तरह के लोगो की सहयाता भी की हैं। जैसे की सन् 2004 में देश में आई सुनामी का प्रकोप बेहद गंभीर था। जिस वजह से कई लोगो को सहायता की आवश्यकता थी उस समय आर्ट ऑफ लिविंग संस्था ने पीड़ित लोगो तक सहायता पहुंचा कर उनके लिए भोजन उपलब्ध करवाया था। इसी के साथ यह संस्था लोगों को सिखाती हैं की किस तरह अपने जीवन में हम नई ऊर्जा के साथ अपने दिन की अच्छी शुरुवात कर सकते हैं।
कई तरह के मिले पुरस्कार
आज के समय में हर व्यक्ति अपने बारे में सोचता हैं। लेकिन श्री श्री रवि शंकर जी का योगदान देखते हुए और हमेशा समाज का भला सोचते हुए, उन्होंने कही ऐसे नेक कार्य में अपना योगदान दिया। जिसके चलते उन्हें कही तरह के पुरस्कार से नवाजा गया। जैसे –सन् 2007 में नेशनल वेटरेंस फाउंडेशन अवार्ड के साथ नवाजा गया। यह अवार्ड अमेरिका के महत्वपूर्ण सम्मान में से एक हैं। इन्हे भारत सरकार द्वारा भी पद विभूषण और डॉ नागेंद्र सिंह अंतरराष्ट्रीय शांति पुरस्कार से सन् 2016 में नवाजा गया। साथ ही सन् 2005 में अमेरिका द्वारा ग्लोबल ह्यूमिनिटी अवार्ड से श्री रवि शंकर जी को स्मानित किया गया था।
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