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Self Reflection – The Key Of Success (आत्मचिंतन)

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“समय बहुत मूल्यवान है। इसे चिंतन में लगाओ चिंता में नहीं”

आत्मचिंतन का अर्थ हैं। “की अपने अंदर चल रहे विचारो का अवलोकन करना” , आत्मचिंतन (Self Reflection) जो हर व्यक्ति के जीवन में एक अहम भूमिका निभाता हैं। आत्म चिंतन के दौरान व्यक्ति अपने अंदर चल रहे विचारो को समझ सकता है और अपने जीवन को एक नयी दिशा दे सकता हैं।

आज के समय में अक्सर व्यक्ति खुद के बारे ना सोच कर दूसरो की अच्छाई और बुराई के बारे में सोचने लगाता है जिससे वह व्यक्ति सिर्फ और सिर्फ नकरात्मक चीज को ही ज्यादा सोचने लगता है। और ऐसा करने पर वह व्यक्ति खुद ब खुद गलत रास्ते पर चल पड़ता है। तो आज हम आपको इस विषय पर कुछ ऐसी बाते बताएंगे। जिससे आप अपने जीवन में खुद के विचारों का अवलोकन करना सीखेंगे और जिससे आप अपनी जिंदगी को और बेहतर बना पाएंगे।

Self Reflection

क्या है आत्मचिंतन का अर्थ

आज के समय में हर व्यक्ति बहुत जल्दबाजी में कार्य करता है। जिसके बाद वह अपने द्वारा लिए गए निर्णय पर हमेशा पछतावा ही करता हैं। तो इसी आदत के चलते आज हम आपको इस लेख में एक ऐसी महत्वपूर्ण बात बताएंगे जो हर व्यक्ति के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। तो आइए जानते है आत्म चिंतन के बारे में। आत्म चिंतन दो शब्दो से मिलकर बना हुआ हैं।

जो की है पहला आत्म जिसका अर्थ है “आत्मा या मन से संबंधित” दूसरा शब्द है चिंतन जिसका अर्थ है “मन ही मन में किया जाने वाला विवलेचन यानी ध्यान और किसी विषय पर स्मरण करना। इन्ही दो शब्दो से मिलकर बना है आत्मचिंतन (Self Reflection)। इसी शब्द से हम अपने दैनिक जीवन में काफी बदलाव ला सकते है और खुद के लिए बेहतर सोच रख सकते हैं।

कैसे करे आत्मचिंतन – Self Reflection

हर व्यक्ति अपनी जिंदगी में कोई न कोई ऐसा कार्य जरूर करता हैं। जिस विषय पर वह अपने मन में दो राय अवश्य लेकर आता है। एक जो सकारात्मक विचार होते है वही दूसरी और जो नकरात्मक विचार होते है। जिसको लेकर वह इतना सोच में पढ़ जाता हैं की वह एक विषय का रास्ता ढूंढते–ढूंढते दूसरे विषय में फस जाता हैं। जिस कारण वह कोई न कोई गलत कार्य करने पर मजबूर हो जाता है। लेकिन अगर वही व्यक्ति अपने जीवन में कोई कार्य करने से पहले उस कार्य के सकारात्मक और नकरात्मक विचारो को समझ ले तो वह किसी भी दुविधा में न पड़ कर अपने कार्य को सूझ–बूझ के साथ सफल कर सकता हैं।

लेकिन ऐसा तभी होगा जब वह खुद में आत्म चिंतन का अवलोकन करेगा । जैसे:–

ध्यान लगाना- ध्यान लगाना यानी की “मौन बैठना” जो आज के समय एक मनुष्य के लिए काफी मुश्किल काम है। लेकिन कहा जाता है की ध्यान लगाना एक महत्वपूर्ण कौशल है जो हमें सकारात्मक और साधारण जीवन के लिए उपयुक्त बनाता है। ध्यान एक प्रक्रिया है जिसमें हम अपने मन को एक स्थिर एवं एकाग्र ध्येय के ओर ले जाने का प्रयास करते हैं। ध्यान के द्वारा हम अपने अंतर्मन को शांत, स्थिर और ताजगी से भरते हैं। यह हमें मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक रूप से स्वस्थ बनाता है।

डायरी लिखना– कही व्यक्ति ऐसे भी होते हैं। जो अपने विचारो को लोगो के आगे खुल कर प्रकट नहीं कर सकते। जिस कारण वह अपने विचारो को मन में ही दबा देते। जिससे वह व्यक्ति एक नकरात्मक रास्ते की और निकल पड़ता है। तो ऐसे में अपने विचारो को समझने के लिए मन में चल रहे विचारो को हम डायरी पर लिख कर प्रकट कर सकते है। जो एक अच्छा विचार है जिससे व्यक्ति अपने विचारो को समझेगा और अपने बर्ताव में बदलाव लाने की कोशिश करेगा।

प्रकृति से बाते करे– आज के समय में इंसान अपनी जिंदगी के कार्य में इतना डूब चुका हैं। की वह समझ ही नहीं पता की उसका मन उनसे क्या कहना चाहता है। जिससे वह अपने विचारो को समझने में नाकामयाब हो जाता हैं। तो ऐसे में अपने अंदर चल रहे विचारो को समझने के लिए आप प्रकृति के करीब जा सकते है। प्रकृति से जुड़ना यानि ईश्वर से जुड़ना है जहाँ आपके सवालो के जवाब मिल जाएंगे ।

आत्मचिंतन क्यो है महत्वपूर्ण

आत्मचिंतन, या स्वयं के साथ चिंतन, एक व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उसके व्यक्तिगत विकास और समृद्धि का मार्गदर्शन करता है। आत्मचिंतन का मतलब है अपने अंदर के भावों, विचारों, संवेदनाओं और धार्मिकता के साथ संपर्क स्थापित करना। यह हमें स्वयं को बेहतर समझने और अपने जीवन को सार्थक बनाने में मदद करता है।

  1. स्वयं-समीक्षा: आत्मचिंतन के माध्यम से व्यक्ति अपने आप को समीक्षा करता है और अपने सकारात्मक और नकारात्मक विशेषताओं को पहचानता है। यह उसे अपनी कमियों को समझने और उन्हें सुधारने के लिए प्रेरित करता है।
  2. स्वयं-विकास: आत्मचिंतन के माध्यम से व्यक्ति अपने अंदर के पोषक और सकारात्मक गुणों का पता लगाता है और उन्हें बढ़ावा देने का प्रयास करता है। यह उसके स्वयं के बेहतर व्यक्तित्व के विकास में मदद करता है।
  3. जीवन के उद्देश्य का पता लगाना: आत्मचिंतन से व्यक्ति अपने जीवन के उद्देश्य और लक्ष्य को समझता है। यह उसे अपने जीवन के मार्गदर्शन में मदद करता है और उसके लिए सही निर्णय लेने में सहायता प्रदान करता है।
  4. स्वयं के साथ सम्बंध बनाना: आत्मचिंतन व्यक्ति के साथ स्वयं के साथ गहरा संबंध बनाने में मदद करता है। यह उसके आंतरिक शक्तियों और संसाधनों को जानने और समझने में मदद करता है।
  5. मानसिक शांति और सुख: आत्मचिंतन से व्यक्ति मानसिक शांति, आनंद और सुख की अनुभूति करता है। यह उसके जीवन को शांत, समृद्ध, और प्रसन्नता से भर देता है।

आत्मचिंतन के लाभ

अभी हमने जाना की किस तरह व्यक्ति को अपने जीवन में आत्मचिंतन का अवलोकन करना चाहिए। लेकिन आत्मचिंतन से व्यक्ति के जीवन में किस तरह के लाभ हो सकते है अब हम इस विषय पर बात करेंगे।

  1. जिस व्यक्ति ने आत्मचिंतन को अपनी जिंदगी में अपना लिया है। वे नकरात्मक और सकारात्मक विचारो में फर्क करने में सक्षम हो जाता हैं।
  2. आत्मचिंतन से व्यक्ति अपनी गलतियों को सीखता है और अपने द्वारा किए गए अच्छे कामों को और बेहतर करने की कोशिश करता हैं।
  3. साथ ही साथ व्यक्ति अपने निजी संबंध में मधुरता लाने में योग्य हो जाता हैं वे अपने बर्ताव और संस्कार को और बेहतर बनाने की कोशिश करता हैं।
  4. आत्म चिंतन से व्यक्ति खुद के विचारो में भावनात्मक और विश्लेषण करने की बौद्धिक क्षमता दोनो का विकास करने की कोशिश करता हैं।
लेख का सार-

यह लेख का अहम उधेशय यही हैं की, आज कल हर इंसान की जिंदगी इतनी भाग दौड़ भरी हो गई हैं की हर व्यक्ति जल्दबाजी में है l जिस कारण वह व्यक्ति अपनी जिंदगी में एक रास्ता ढूंढते ढूंढते नई मुसीबत में फस जाता हैं तो ऐसे में व्यक्ति को अपने जिंदगी में थोड़ा ध्यान लगाने की आवश्यकता है। जैसे की सुबह उठ कर व्यायाम करे, वे प्रकृति में जाकर टहले और अपनी जिंदगी में आत्मचिंतन का अवलोकन कर अपने विचारो और अपने समझने की क्षमता को विकसित करे ।

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