Sandeep Singh- हर इंसान अपने जीवन में सफल होना चाहता है चाहे वो ऑफिस हो, स्कूल हो, खेल हो या अन्य कोई और क्षेत्र, लेकिन सफलता पाने का रास्ता बहुत कठिन होता है, जरा सा मन भटकता है और मन में नकारात्मक खयाल आने लगते है और इंसान अपने लक्ष्य से भटकने लगता है , ऐसे में सफल होने के लिए सकारात्मक सोच और द्रण संकल्प होना अनिवार्य है, आज हम ऐसे खिलाडी के जीवन के बारे में चर्चा करेगे जिनका नाम संदीप सिंह है जो होकी के बहुत बढ़िया खिलाडी थे बाद में इंडियन हॉकी टीम के कप्तान भी बने और तत्काल समय में वह पंजाब राज्य में DSP के पद पर कार्यरत है l
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Sandeep Singh- संदीप सिंह का जीवन परिचय
संदीप सिंह का जन्म 27 फरवरी 1986 को हरियाणा के कुरुक्षेत्र के शाहबाद शहर में हुआ था, इनके पिता जी का नाम गुरचरण सिंह भिंडर है और माता का नाम दलजीत कौर भिंडर है, बड़े भाई बिक्रमजीत सिंह (हॉकी खिलाड़ी) थे, संदीप सिंह की पत्नी का नाम हरजिंदर सिंह है संदीप की पत्नी भी एक हॉकी खिलाड़ी है l

संदीप सिंह की शिक्षा – Sandeep Singh
संदीप एक मध्यम वर्ग परिवार से आते थे हॉकी खेलने के साथ संदीप ने हाई स्कूल और इंटर कॉलेज की पढ़ाई अपने ही शहर शाहाबाद से की, और आगे के पढ़ाई के लिए पटियाला में स्थित खालसा कॉलेज में दाखिला कराया बाद में संदीप सिंह ने बीए की डिगरी भी पूरी की l
संदीप सिंह का हॉकी करियर
2004 जनवरी में कुआलालंपुर सुल्तान अजलान शाह कप के दौरान ही अंतरराष्ट्रीय करियर शुरू हुआ, इसी साल संदीप ने 16 गोल दागे, और भारत पाक के बीच हुए मैच में 5-3 से इंडिया को जीत दिलाई जिसमे संदीप ने 2 गोल दागे इसके बाद संदीप सिंह ने पीछे मुड़ कर नही देखा और अपने हॉकी के सपने को साकार करने में लग गए, 2005 में चैंपियन ट्राफी में 3 गोल दागे 2006 में कॉमन वेल्थ गेम में 7 गोल दाग कर हाई स्कोरर बने l और इंडियन हॉकी टीम को जीत दिलाई और देश का नाम रोशन किया l
संदीप सिंह की जिंदगी का काला दिन
अगस्त 2006 में महान खिलाड़ी संदीप के जीवन का काला दिन था जब संदीप अपने दोस्त के साथ शताब्दी एक्सप्रेस में सफर कर रहे थे, जर्मनी में होने वाले वर्ल्डकप में हिस्सा लेने जा रहे थे, लेकिन उनके साथ जा रहे मेजर दोस्त की बंदूक से अचानक गोली चल गई है जो संदीप की जांग को छूते हुए लिवर में जा लगी, जिसकी वजह से संदीप कोमा में चले गए, सभी को ऐसा लगा की संदीप का करियर खत्म हो गया लेकिन इंसान को हार नहीं माननी चाहिए और अपने लक्ष के पीछे लगातार चलते रहना चाहिए l
इतनी भयंकर चोट के बाद सभी लोग संदीप का हॉकी कैरियर समाप्त समझ रहे थे, लेकिन संदीप कुछ और ही सोच रहे थे संदीप ने 2009 में अपनी वापसी करी और इंडियन हॉकी टीम के कप्तान भी बने l
संदीप सिंह की शारीरिक विवरण
परमाणु | विवरण |
---|---|
ऊंचाई | 6 फीट 0 इंच (183 सेमी) |
वजन | 85 किलोग्राम (187 पाउंड्स) |
रंग | गोरा |
बाल | काले |
आँखें | काली |
शरीरक आकृति | एथलेटिक बिल्ड |
छाती | 42 इंच (106 सेमी) |
कमर | 34 इंच (86 सेमी) |
बाजु | 16 इंच (41 सेमी) |
संदीप सिंह की बायोग्राफी फिल्म
संदीप का जीवन भी बहुत रोचक और संघर्ष भरा रहा है , जीवन में साधारण परिवार से इंडियन हॉकी टीम के कप्तान बनने तक का सफ़र बहुत ही रोमांचक रहा है इसीलिए इनके जीवन पर फिल्म बनाई गई है जिसका नाम सूरमा है, संदीप का किरदार सिंगर दिलजीत दोसांझ और तपसी पन्नू ने इनकी पत्नी का किरदार निभा निभाया, फिल्म का निर्माण चित्रांगदा द्वारा किया गया है l
संदीप चाहते थे की उनकी फिल्म में रणवीर कपूर काम करे, क्योकि रणवीर कपूर ने ”पॉकेट में राकेट है” फिल्म में पंजावी किरदार बहुत अच्छे से निभाया था, लेकिन ऐसा हो नही सका जिसकी बजह से दिलजीत दोसांझ इस किरदान को निभाते हुए नजर आये, दिलजीत ने इस किरदार को बखूबी निभाया और अपने फैंस को खुस किया, दूसरी तरफ हिंदी फिल्म की एक्टर तापसी पन्नू ने भी वेहतरीन काम किया l

संदीप सिंह के जीवन में विवाद
संदीप बहुत शांत सुभाव के है ज्यादा मीडिया में रहना उन्हें पसंद है नही इसीलिए कही भी किसी विवाद में नही आये, जब से इनके जीवन पर फिल्म बनी तब से संदीप मीडिया में नजर आये है, संदीप अपने खेल में ज्यादा ध्यान केन्द्रित करते है, संदीप मीडिया से दूर ही रहते थे क्योंकी उनके पास इतना टाइम नही होता था वो इन सब में पड़े दिन भर अपनी टीम के लिए कुछ करने और अपने भारत का नाम रोशन करने में लगे रहते थे l
संदीप सिंह के जीवन की उपलब्धिया
वर्ष | उपलब्धि |
---|---|
2004 | भारतीय हॉकी टीम के लिए अंतरराष्ट्रीय डेब्यू |
2009 | सुल्तान अजलान शाह कप में शीर्ष स्कोरर |
2010 | भारत सरकार द्वारा अर्जुन पुरस्कार प्राप्त |
2012 | लंदन ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम का कप्तान |
2012 | ओलंपिक क्वालीफायर में शीर्ष स्कोरर |
2013 | पद्म श्री पुरस्कार प्राप्त |
2014 | एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक के साथ भारतीय हॉकी टीम का नेतृत्व |
2018 | हरियाणा हॉकी टीम के मुख्य प्रशिक्षक बने |
2020 | हॉकी इंडिया हॉल ऑफ फेम में शामिल हुए |
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