Mehandipur Balaji – मंदिर जो आज काफी प्रसिद्ध है यह मंदिर हनुमान जी को समर्पित है, बालाजी हनुमान जी के नमो में से एक नाम हैं। मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में भक्त अपने दुखो का निवारण करने के लिए आते हैं। क्योंकि लोग मेहंदीपुर बालाजी मंदिर की चमत्कारी शक्तियों में काफी आस्था रखते हैं। जिसके चलते यहां काफी भीड़ देखने को मिलती हैं। तो आइए जानते है मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के इतिहास और आस्था के बारे में।

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मेहंदीपुर बालाजी धाम – Mehandipur Balaji
मेहंदीपुर बालाजी जो राजस्थान के दौसा जिले में स्थित है। जहा हिंदू ही नही अन्य कई धर्म के लोग भी देखने को मिलते है। ऐसा कहा जाता हैं की हनुमान जी वहा आए हर व्यक्ति के दुखो का निवारण किसी न किसी रूप में आकर जरूर करते है। वहा रह रहे स्थानीय लोग हर रोज सवेरे मंदिर में बाला जी के दर्शन करने आते है। कहा जाता हैं वहा महंत जी का हर रोज बैठना होता, वहा आए लोग महंत जी को अपनी परेशानी बताते हैं। वह उनकी परेशानी को जानकर उन्हे दवाई देते है और बताए हुए इलाज पर चलने के सलाह देते हैं।
चार हिसो में बाटा हुआ है मेहंदीपुर बालाजी
जैसे की हम सब सुनते आए है। की जब हनुमान जी का नाम जपते हैं तो कोई भी भूत प्रेत पास नही आते। तो ऐसे में मंदिर को चार हिस्सों में बाटा गया है। जिसमे पहले दो में भैरव बाबा और बालाजी की मूर्ति स्थित है। वही तीसरी और चौथे हिस्से में आत्माओं के सरदार राज का हिस्सा स्थित है। तो ऐसे में जो भी लोग भूत प्रेत से परेशान होते हैं तो वो इस जगह पर आकर अपने दुखो का निवारण करते है और अपने जीवन को सुखी बनाते हैं। और अपको बता दे की इस हिस्से में लोग काफी दूर दूर से लोग माथा टेकने आते है, और यहाँ आए दिन भीड़ देखने को मिलती रहती है।
साथ ही आपको बता दे की यहां प्रसाद के रूप जल दिया जाता है क्योंकि यहां बालाजी की मूर्ति में बाय तरफ एक छोटा छेद है जिसमे से जल की धारा बहती रहती है इस जल को एक पतीले में इकठ्ठा कर के हनुमान जी के चरणों में अर्पित किया जाता है जिसके बाद वह प्रसाद रूप में आए हुए भक्तो को दिया जाता हैं। और यहाँ की काफी प्रभावित आरती शनिवार और मंगलवार के दिन होती है। जिसमे लोगो की काफी भीड़ देखने को नजर आती हैं।
कैसे स्थापित हुआ मेहंदीपुर बालाजी धाम
वैसे तो इस धाम का इतिहास 100 साल पुराना है, इस धाम के पीछे भी एक ऐसी कहानी है जिसने यहाँ मेहंदीपुर बालाजी मंदिर को स्थापित किया। ऐसा कहा जाता है की एक समय मंदिर के पुराने महंत को बालाजी का सपना आया था। जिस सपने में उन्होंने अपने मंदिर की स्थापना का आदेश दिया था। जिसमे उन्होंने महंत जी को अपने मंदिर को स्थापित करने के बाद उसकी सेवा और पूजा अर्चना का आदेश देते हुए आशीर्वाद दिया था। जिसके बाद इस मंदिर की स्थापना राजस्थान में हुई। और मंदिर में तीन देवी देवताओं की मूर्ति को स्थापित किया गया। जो आज बेहद प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है ।
आज इस मंदिर के अंदर बहुत ही भाव पूर्ण से पूजा अर्चना महंत किशोर पूरी जी के द्वारा की जाती है। जो भक्ति भाव में काफी कड़क और हर नियम का बिलकुल सिद्धांत से पालन करने वाले व्यक्ति है। यह धाम कई तरह की मान्यताओ के लिए प्रसिद्ध हुआ, यहाँ दुष्ट प्रेत आत्माओं से मुक्ति दिलाने के लिए प्रसाद के रूप में लड्डू या इत्यादि का भोग बालाजी पे लगाना होता हैं। जिसके बाद दुष्ट प्रेत आत्मा शांति पाकर व्यक्ति के शरीर को त्यागती है।

मंदिर के अंतर्गत और भी प्रसिद्ध मंदिर
मेहंदीपुर बालाजी अपने दृश्य और मान्यता से लोगो को काफी आकर्षित करते हैं लेकिन ऐसे में जब भी व्यक्ति मेहंदीपुर बालाजी दर्शन करने जाता है। तो वह आस पास में स्थित मंदिर के भी दर्शन करता हैं। जैसे की अजंनी माता मंदिर, काली माता मंदिर, गणेश जी का मंदिर इत्यादि।
प्रसाद वे अन्य चीजों से जुड़ी बाते
मेहंदीपुर बालाजी के मंदिर में लोग अपने दुखो का निवारण पाने के लिए आते है। तो ऐसे में कहा जाता है की भोग का प्रसाद जो व्यक्ति खाता हैं उसके दुखो का निवारण हो जाता है। और यह भी कहा जाता है की वहां पर पाए जाने वाले पत्थर से जोड़े का दर्द, सीने के बीमारी व कई अन्य बीमारियो का इलाज होता हैं।
बाला जी मंदिर में प्रवेश करने पर वहा का दृश्य
मंदिर में प्रवेश करने के बाद वहा का दृश्य काफी चौकाने वाला होता हैं, सबसे पहले तो वहा लाए हुए प्रसाद को भोग में चढ़ाया जाता हैं जिसके बाद दर्शन करने होते हैं और दर्शन करते समय वहा आए लोगो को कई तरह के नजारे देखने को मिलते है, जिसमे वहा लोग चिल्ला रहे होते हैं तो कई जोर जोर से बालाजी के नारे लगा रहे होते है तो कई अपने सिर को दीवार पर मार रहे होते है तो कई बैठकर हनुमान चालीसा काफी ऊंची आवाज में पढ़ रहे होते हैं।
मेहंदीपुर बाला जी में कैसे जाए और जाने का सही समय
अगर आप लोग मेहंदीपुर मंदिर में जाने की सोच रहे है तो आप लोग सड़क मार्ग, वायु मार्ग और रेल मार्ग तीनो रास्ते से जा सकते है। जिसमे अगर आप वायु मार्ग चुनते है तो हवाई अड्डा जो राजस्थान में स्थित है। जिससे आप आगे आसानी से दौसा जिले बाला जी धाम पहुंच सकते हैं। अब बात आती है की मंदिर में जाने का सही समय क्या है,
तो ऐसे में यहां पर हनुमान जी के त्योहारों को काफी धूम धाम से मनाया जाता है जैसे की दशहरा, हनुमान जयंती इत्यादि। ऐसे में इन मोहत्स्व पर हनुमान जी की पूजा अर्चना बड़े धूम धाम से की जाती है। तो आप लोग इन त्योहारों के दिनों में भी जा सकते है अगर आप गर्मी में जाने की सोच रहे हैं तो शाम 9 बजे ही दर्शन करे और सर्दियों में सुबह 8 बजे दर्शन करे।
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