Lalbaugcha Raja – हमारे देश में बहुत से त्यौहार हैं जो बड़े ही धूम धाम और श्रद्धा से मनाए जाते हैं। क्योंकि हमारे देश में बहुत से लोग हैं जिनकी मान्यता अलग अलग भगवानों से जुड़ी हुई हैं। इसी तरह हर माहौल में भगवान के अलग अलग त्यौहार को बड़े उल्हास और धूम धाम से मनाये जाते हैं। इसी तरह जब भी त्योहारों में गणेश चतुर्थी का माहौल होता है तो लोगो की लंबी लंबी लाइन गणेश जी के दर्शन के लिए लग जाती है।
तो ऐसे में जब भी गणेश जी की बात होती है तो लालबाग राजा (Lalbaugha Raja) को जरूर याद किया जाता है। क्योंकि यहां पर गणेश चतुर्थी को बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है। जहां लोगो की लंबी लाइन लालबाग राजा के दर्शन के लिए घंटो तक इंतजार करती हैं। तो आइए जानते है आज लालबाग राजा की रोचक और ऐतिहासिक बातो के बारे में ।
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कहाँ स्थित है लाल बाग राजा का मंदिर
जैसे की हम सब जानते है लालबाग राजा मतलब गणेश जी का मंदिर जो महाराष्ट्र (Maharashtra) में स्थित है। जहाँ प्राचीन समय से मराठी लोगो के लिए गणेश भगवान को लेकर काफी मान्यता रही हैं। कहा जाता है की गणेश जी की पूजा की नीव सेनानी गंगाधर तिलक (Gangadhar Tilak) द्वारा की गई थी। यह वो समय था जब हमारा देश आजादी की लड़ाई को लड़ रहा था।
उस समय गणेश जी की अराधाना इसलिए की गई थी, की उस वक्त लोगो को एक साथ एकत्रित कर के आजादी पे चर्चा की जाती थी। लेकिन इस समय लाल बाग राजा को पेरू चाल बाजार के नाम से जाना जाता था। और उस समय इस मंदिर पर काफी विद्रोह भी हुआ और अन्य समस्याओं के कारण यह मंदिर बंद हो गया l
कैसे पड़ा नाम ” लालबाग”
स्वतंत्रता के बाद उस जगह को रहने के लिए उसका बदलाव किया जाने लगा। जिसके बाद उस जगह को समतल की मिट्टी से भरे जाने लगा। लेकिन रोचक बात यह थी की, इस मिट्टी का रंग धीरे धीरे लाल पड़ने लगा। जिस कारण उस जगह का नाम लालवाड़ी रखा गया। और मिट्टी में बदलाव आने के साथ साथ उस जगह पर कई तरह के फल के पेड़ होने लगे जिस कारण वो जगह बाग बन गई, जिसके बाद उस जगह का नाम लालबाग रखा गया। और जब वह मंदिर का निर्माण दुबारा किया गया तो काफी प्रसिद्धि दूर दूर तक होने लकी और यह मंदिर लालबाग के नाम से जाना जाने लगा।
कैसे हुआ निर्माण (Lalbaugcha Raja)
प्राचीन समय से ही किसी भी शुभ कार्य करने से पहले गणेश जी की पूजा की जाती है। जो प्रथा आज भी चलती आ रही है, जिसके चलते इन्हे विघ्नहर्ता भी कहते हैं। कहा जाता है की जो भी व्यक्ति गणेश जी की पूजा करते है वे उनके विघ्न को हर के सुख शांति प्रदान करते है। जानकारी के मुताबिक लाल बाग राजा सार्वजनिक मंडल का निर्माण सन 1934 में हुआ था जिसके बाद इस मंदिर में पूजा पाठ का निर्माण बाल गंगाधर तिलक जी ने शुरू किया था।
जिसके बाद इस लालबाग राजा का निर्माण हुआ और धीरे–धीरे यह मंदिर देश ही नहीं विदेश में भी प्रसिद्धि होने लगा और यहाँ लोगो की लंबी लंबी लाइन में लोग बप्पा के दर्शन करने आने लगे और अपनी हजारी लगाने लगे।
इच्छाओं का दरबार – (Lalbaugcha Raja)
हर साल हमारे देश में गणेश उत्सव बड़े धूम धाम से मनाया जाता हैं। लेकिन मुंबई का यह काफी प्रसिद्ध त्योहार हैं। जहाँ लोग गणपति बप्पा का आगमन बड़े ही उल्हास से करते है। और महाराष्ट्र के लाला बाग मंदिर में गणपति बप्पा की प्रतिमा स्थापित की जाती है जिसका नजारा हर जगह से हट के होता है यह मंदिर काफी समय पहले बनाया गया था आज के समय तक इस मंदिर में बेहद बदलाव किए गए ।
लेकिन इस मंदिर की प्रतिमा आज भी वैसी की वैसी है। साथ इस मंदिर की मान्यता यह भी है की इस मंदिर को इच्छाओं का मंदिर भी कहा जाता है जहाँ हर आए भक्त अपनी इच्छाओं को बप्पा के आगे रखते है और वह किसी न किसी रूप में आकर भक्तो के दुखो को हर कर उनको खुशियां देते है।
एक ही परिवार द्वारा बनाई जाती है, “लालबाग की प्रतिमा”
जी हा आप लोग सुन के हैरान होंगे की जब से लाल बाग का निर्माण हुआ है तब से लेकर आज तक इनकी प्रतिमा जो काफी मिलती– जुलती होती है वह सब प्रतिमा एक ही परिवार द्वारा बनाई जाती आ रही है । यानी परिवार की एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी दूसरी पीढ़ी से आज तीसरी पीढ़ी यह कार्य को संभाल रही है। पिछले काफी लंबे समय से कबीली परिवार ही गणपति बाप्पा की प्रतिमा का कार्य करते है।
और उन्ही के द्वारा मंदिर की हर मूर्ति को बनाया जाता है, आज इस कार्य को तीसरी पीढ़ी द्वारा संभाला जा रहा है जिसमे परिवार में सबसे बुजुर्ग इंसान रत्नाकर है जो अपने पिता द्वारा सीखे गए इस अनुभव से आज इस कार्य में लीन है। रत्नाकर जी के पिता पहले महाराष्ट्र में हर जगह घूम घूम कर मूर्तियों का कार्य करते थे लेकिन जब वह बप्पा के दरबार पहुंचे तो वह उन्हीं को हो गए।
बप्पा के दर्शन करने का सही समय
बप्पा लालबाग की प्रतिमा आज काफी प्रसिद्ध हो चुकी है, जहाँ बड़ी संख्या में भक्तो का आना जाना लगा रहता हैं जिस कारण यहां भीड़ काफी बड़ी संख्या में होती है, और लोगो के मन में सवाल आता है की दर्शन करने का सही समय क्या है, अगर देखा जाये तो दर्शन करने का सही समय मंगलवार के दिन को छोड़ कर आप लोग किसी भी दिन रात में जाकर बप्पा के दर्शन बड़े ही आराम से कर सकते है। रात का समय वह समय है जहाँ लोगो की भीड़ काफी कम होती है जिस कारण आप लोग भीड़ से बच कर बप्पा के दर्शन कर उनसे मनोकामना कर अपनी इच्छा पूरी कर सकते हैं।
कैसे पहुंचा जाए लालबाग राजा के मन्दिर
अगर आप लोग भी लालबाग राजा के मंदिर जाने की सोच रहे है तो इसके लिए सबसे पहले आपको मुंबई पहुंचना पड़ेगा। जहाँ स्टेशन पर उतरने के बाद आप लोग वहा से किसी भी कैब, बस या मुंबई की चलने वाली लोकल ट्रेन में सवार होकर बप्पा के दर्शन के लिए पहुंच सकते हैं। और बप्पा के दर्शन कर सकते है l
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