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Iskon Temple – इस्कॉन मंदिर का उद्देश्य

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Iskon Temple – हिन्दू धर्म कई भगवानों में विश्वास रखता हैं जिसके चलते अनेको ऐसी कहानियां और रोचक बाते है जो भगवान के प्रति हमारा अटूट विश्वास जागरूक करती हैं। ऐसे में हमारे हिंदू धर्म के कई लोग भगवान कृष्ण जी को बहुत ज्यादा मानते है। क्योंकि हमने बचपन से श्री कृष्ण जी की नटखट शैतानी और उनकी लीला के बारे में बहुत कुछ सुना और देखा है। ऐसे में आज हम आपको भगवान कृष्ण जी का एक तीर्थ स्थान मंदिर बताएंगे जो देश के साथ विदेश में भी लोगो को अपनी और आकर्षित करता है।

Iskon Temple

कहाँ है इस्कॉन टेम्पल

इस मंदिर के बारे में तो आपने सुना ही होगा, जो उत्तर प्रदेश (Uttar pradesh) राज्य के मथुरा (Mathura ) शहर के वृंदावन (Vrindavan) में स्थित है। जो भारत के अलावा कई अन्य देशो में भी स्थित है और जहाँ लोग अपनी मुराद लेकर श्री कृष्ण जी के दर्शन करने जाते हैं। ऐसे में इस्कॉन मंदिर की काफी मान्यता होने के कारण, लोग को इस मंदिर में आध्यात्मिक रास्ते पर चलने की सीख दी जाती है।

व साथ ही साथ जीवन जीना का सही तरीका भी सिखाया जाता है। इस मंदिर की स्थापना 1966 में विदेश में श्री कृष्ण जी के भक्त प्रभुपाद ने की थी। जिसके बाद उन्होंने इस मंदिर को विदेश के साथ भारत में भी स्थापित किया। इस्कॉन मंदिर को एक बेहद ही रूपी रूप में बनवाया गया है। जो एक खूबसूरती का अनोखा दृश्य है।

कैसे स्थापित हुआ था इस्कॉन टेम्पल

स्वामी प्रभुपाद जी के गुरु जो चाहते थे, की कृष्ण भक्ति की लीला देश के साथ विदेश में भी अंग्रेजी भाषा में प्रचलित की जाए। जिसके बाद प्रभुपाद जी ने अपने स्वामी का कहा मानते हुए, अपने सफर की और निकल पड़े थे और उन्होंने आध्यात्मिक कृष्ण कथाओं को अंग्रेजी में विवरण कर वहा के लोगो को काफी आकर्षित किया, जिसके चलते पहला इस्कॉन मंदिर न्यूयॉर्क में बनाया गया। जिसके पश्चात स्वामी प्रभुपाद जी का उनकी प्रसिद्ध नगरी मथुरा में निधन हो गया। जिसके बाद इस्कॉन मंदिर का इतिहास और उसके लेकर मान्यता, लोगो के मन में काफी जागरूक हुई।

इस्कॉन मंदिर के सिद्धांत

पूरी दुनिया में 400 मंदिरों में फैला इस्कॉन मंदिर , जिसको इंटरनेशनल सोसायटी फॉर कृष्णा कांशसनेस ( “International Society for Krishna Consciousness”) है। जिसकी फुल फॉर्म अंग्रेजी शब्दों से ली गई थी। इस्कॉन मंदिर का निर्माण प्रभुपाद जी ने कृष्ण लीला को दुनिया भर में फैलाने के लिए किया था। जिसके बाद लोगो के मन में काफी जागरूकता शुरू होने लगी और लोगो को इस मंदिर में आकर एक शांति का एहसास होने लगा। कहा जाता है की जो भी व्यक्ति अपने जीवन को सरल और सुखी बनाना चाहता हैं उसे इस्कॉन मंदिर में आकर जीवन व्यतीत कर चार नियम का पालन करना होता है – तप , दया, सत्य, और मन की शुद्धता

Iskon Temple

इस्कॉन टेम्पल के कुछ नियम

हम सब जानते है धार्मिक स्थानों पे हर तरह के नियम का पालन किया जाता हैं। क्युकी ऐसी जगह पर हर काम नियम के अनुसार पूर्ण किया जाता है।

जैसे की हमने आपको बताया की इस्कॉन मंदिर में आध्यात्मिक जीवन से परिचय करवाया जाता है जिसके चलते वह रह रहे मनुष्य को कुछ बातो का बेहद ध्यान रखना होता हैं।

  1. पहला नियम इस्कॉन का यहाँ रह रहे लोगो को तामसिक भोजन का त्याग कर एक सरल भोजन को अपनाना होता है जैसे की प्याज, लहसुन, मास, मदिरा इन सब का त्याग करना होता हैं।

2. ऐसे माहौल से दूर रहना होता है, जिनका तालुक जुआ, मदिरा और इत्यादि से होता हैं।

3. इस्कॉन में मनुष्य को हर रोज एक घंटा शास्त्र अध्यन में बिताना होता है। जिसमे हमे आध्यात्मिक और भारत के इतिहास की जानकारी के साथ शास्त्रों का अध्यन करवाया जाता हैं।

  1. साथ ही इस्कॉन में मनुष्य को हर रोज वहा का प्रमुख भजन “हरे कृष्ण हरे रामा”) ९ की माला को 16 बार जपना होता है।
भारत के कुछ प्रसिद्ध इस्कॉन मंदिर

आज लोगो के मन में इस्कॉन मंदिर को लेकर एक ऐसी मान्यता बन हो चुकी हैं। की दूर दूर से लोग इस मंदिर में कृष्ण राधा के दर्शन और अंदर की गई सुंदर नकाशी और उसकी खूबसूरती को देखने आते हैं। ऐसे में भारत में बने कई इस्कॉन मंदिर जो आज बेहद प्रसिद्ध और मान्यता हासिल कर चुके है। तो आइए जाने प्रसिद्ध इस्कॉन मंदिर के बारे में।

1.प्रसिद्ध दिल्ली इस्कॉन मंदिर

भारत में बना इस्कॉन मंदिर जो दिल्ली हरी कृष्ण हिल्स नेहरू प्लेस में स्थापित है जिसका उद्घाटन भारत के पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी बाजपाई द्वारा किया गया था। जहाँ आज लाखो संख्या में लोग इस्कॉन के वातारण और मंदिर के अंदर का दृश्य देखने दूर दूर से आते हैं।

प्रसिद्ध मथुरा, वृंदावन इस्कॉन मंदिर

मथुरा, वृंदावन तो श्री कृष्ण का बचपन का स्थान है और साथ ही साथ प्रभुपाद जी का काफी प्रिय नगरी भी है, तो यहाँ पर इस्कॉन मंदिर का होना तो लाजमी ही हैं इसी कारण से मथुरा, वृंदावन में होने पर यह मंदिर काफी प्रसिद्ध और शांत हैं।

प्रसिद्ध जयपुर, इस्कॉन मंदिर

भारत का एक और प्रसिद्ध मंदिर जो श्री कृष्ण और उनके भाई बलराम के प्रेम पर समर्पित है जिसको श्री गिरिधारी दाऊजी मंदिर’ के रूप में जाना जाता है, मानसरोवर, जयपुर में स्थित इस्कॉन मंदिर। यहां की मूर्तियां और चित्र आपका दिल जीत लेंगे।

प्रसिद्ध मुंबई, इस्कॉन मंदिर

श्री राधा रासबिहारी जी’ मंदिर के रूप में जाना जाता है, मुंबई के जुहू में स्थित इस्कॉन मंदिर। यह 4 एकड़ भूमि में फैला हुआ है। यह मंदिर कही भक्तो से भरा रहता है, जिस कारण यह बेहद लोगो का अलग अलग जगह से आना जाना साल भर लगा रहता हैं।

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