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Inspirational Story – जशराज चारण हर दिन 25 किलो आटे की रोटियां बनाकर, भरते हैं 300 से ज़्यादा बेसहारा कुत्तों का पेट

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वैसे तो जानवरों और पक्षियों से इंसान का प्यार कोई नई बात नहीं है। युगों से इंसान पशु-पक्षियों से प्यार करता रहा है।

दुनिया में कई सारे लोग हैं जो पक्षियों और जानवरों से बेहद प्यार करते हैं। कई लोगों ने कुत्ता, बिल्ली जैसे जानवरों को ऐसे अपना लिया है कि वे उन्हें अपने घर-परिवार का बेहद अहम हिस्सा मानते हैं। आज हम आपको एक ऐसे इंसान के बारे में बताएंगे जो हर रोज पशुओं के लिए भोजन तैयार करते हैं। हर दिन उनके द्वारा 300 बेसहारा कुत्तों का पेट भरा जाता है। आइये जानते है इस नेक कार्य के बारे में।

जशराज चारण का परिचय

Image/ Better India

जशराज चारण कच्छ के मांडवी तालुका के कठड़ा गाँव के निवासी है। उन्हें जानवरों से इतना प्यार है कि वह प्रतिदिन जानवरों के लिए भोजन तैयार करते हैं और बेसहारा जानवरों का पेट भरते हैं। उनका परिवार हर दिन 25 किलो आटे का रोटी तैयार करता है और कुत्तों को खिलाता है। जानवरों के प्रति उनका यह अद्भुत प्यार को उनके गांव के लोग काफी प्रशंसा करते हैं।

वन विभाग में काम करते थे जशराज

जशराज वन विभाग में काम करते थे। उन्होंने पहले फॉरेस्ट गार्ड और वनपाल के तौर पर काम किया है। उन्होंने वन विभाग में 37 साल काम किया है। वह विभाग में काम करते-करते जशराज को जानवरों से काफी लगाव हो गया तभी से वो जानवरों की खूब सेवा करते हैं। जानवरों के भोजन में प्रतिमाह उनके द्वारा 35 हजार रुपये का खर्च किया जाता है। जसराज के परिवार के और लोग भी वन विभाग में कार्यरत है। अभी वर्तमान में उनका छोटा बेटा और बेटी वन विभाग में अपनी सेवा दे रही हैं।

भरते है 300 कुत्तों का पेट

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जशराज रिटायर होने के बाद से ही पशु प्रेम में लगे हुए है। वह अपने गांव के 300 कुत्तों को प्रतिदिन भोजन कराते हैं। उन्हें यह सब करना बहुत पसंद है।इसकी शुरुआत अचानक ही उनके द्वारा हुई थी। जशराज रोज ऑफिस से आने के बाद वॉक पर जाया करते थे। एक दिन उन्होंने देखा कि कुत्ते के छोटे-छोटे बच्चे, अपनी माँ के साथ बड़ी ही दयनीय हालत में थे। चूँकि उनकी माँ भी अपने बच्चों को छोड़कर खाना लाने नहीं जा सकती थी। इसलिए वह भी भूखी और कमजोर हो गई थी। जशराज ने उस दिन तो उन्हें बिस्कुट खरीद कर खिला दिए। लेकिन अगले दिन उन्होंने अपनी पत्नी से तीन-चार रोटियां बना कर देने को कहा। इस तरह वह उनको रोज रोटियां देने लगें।

जानवरों की संख्या बढ़ी

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इसी चीज को रोजाना करने से जानवरों को संख्या में भी बढ़ोत्तरी हुई। इस तरह अब उनके घर में 300 कुत्तों के लिए हर रोज खाना तैयार होता है। वहीं, जशराज हर दिन जंगल में छोटे-छोटे जानवर, जैसे- खरगोश, हिरन और सियार के छोटे बच्चों को बिस्कुट खिलाने जाते हैं। इसके लिए वह हर महीने लगभग पांच हजार के बिस्कुट भी खरीदते हैं। इन सभी कामों में जशराज के परिवार वाले हमेशा साथ देते हैं।

जशराज चारण के पशु प्रेम की जितनी प्रशंसा की जाए कम है। लोगों को जशराज से सिख लेने की आवश्यकता है।

 

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