मनुष्य अपनी सारी आदतों को सुधार सकता है, समस्त गतिविधियों को शांत कर सकता है। लेकिन मन की चंचलता और उथल-पुथल को काबू करना आसान काम नहीं होता है। मनुष्य की चित्त वृत्ति चेतना का संचालन स्वयं मनुष्य नहीं करता है, ऐसा मानना गलत होगा। क्योंकि पुराने समय में ऋषि मुनियों में मन को एकाग्र करने की शक्तियां मौजूद होती थीं। इन शक्तियों को प्राप्त करने के लिए कोई विशेष साधन की आवश्यकता नहीं होती। बल्कि कुछ ऐसे कार्य करने होते हैं, जिससे आप अपने मन को स्थिर करने के लायक बन जाते हैं।
कभी-कभार मनुष्य अपने मन की चपलता को अच्छा भी मानता है वहीं कुछ व्यक्ति मन की दौड़ भाग से परेशान हो जाते हैं। ऐसे लोग यह उपाय खोजते हैं कि मन को शांत करने के लिए क्या किया जा सकता है?आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि कैसे अपने मन को शांत किया जा सकता है।
योग करके मन को शांति।
अपने मन को शांत करने का सबसे अच्छा उपाय है कि योगा किया जाए। योगा करने से दिमाग और मन दोनों ही शांत होते है। योगा का मुख्य फायदा होता है मन को शांत करना है। योगा की मदद से काफी कम समय में मन को शांत किया जा सकता है। योगा के कुछ ऐसे प्रकार भी होते है जिनकी मदद से बहुत समय के लिए दिमाग को शांत किया जा सकता है।
अकेले रहना पसंद करें।
अकेले रहने से मन काफी हद तक शांत रहता है। अकेले रहने से हमारे पास किसी भी प्रकार का कोई चिंता नहीं होती है। अकेले रहने से बस हम ही अपने पास रहते है। हम देखते है कि कब हमारा मन शांत रहता है और कब हमारे मन में बेचैन रहता है। इसके साथ ही बहुत कुछ हम खुद के बारे में जान सकते है। जब हमारे पास हमारे बारे में इतना ज्ञान रहेंगे तब हम अपने मन को कभी भी शांत कर सकते है।
अच्छी बातें को सुनने की कोशिश करें ।
कभी ऐसा भी होता है कि किसी बात या घटना के कारण भी मन बैचैन हो जाता है। ऐसे में मन को शांत करने के लिए अच्छी और प्रेरित करने वाली विचार और बातें सुनना चाहिए। यह मन को काफी आसानी के साथ कम से में शांत कर देंगे।
पुरानी बातों को याद ना करें ।
बीते हुआ कल कभी नहीं आता है। लेकिन बीते हुए कल को याद करने से मन बेचैन जरूर होता है और फिर मन को शांत और दिमाग को शांत करना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में अगर किसी के बीते हुए कल में कुछ भी बुरा या अच्छा हुआ है तो उसे याद नहीं करना चाहिए। जब भी बीते कल को याद किया जाता है तब-तब मन शांत से बेचैन हो जाता है।
अपनी नींद को पूरा करें ।
पूरा नींद ना लेना भी मन और दिमाग का शांत न रहने का कारण बन सकता है। नींद एक बहुत जरूरी हिस्सा होता है शरीर के लिए। लेकिन जब नींद पूरा नहीं होता है तब बहुत से मुश्किल का कारण भी बनता है। अगर सही तरीके से और पूरा नींद ना लिया जाए तो मन बेचैन हो सकता है।
बाहर घूमने जाएं ।
एक स्थान पर लम्बे समय तक रहने से मन में बेचैनी होने बढ़ जाती है। एक स्थान पर रहने पर मन भी नहीं लगता है। मन में तरह-तरह की बेचैनी होने लगती है। अपने मन को शांत करने के लिए समय-समय पर बाहर का घूमते रहना चाहिए। घूमने से हम सभी चिंता को कम कर देते है। हम यह भूल जाते है कि हमें किसी भी प्रकार का चिंता या काम है।
नकारात्मक चीजों से बचें ।
अक्सर जब भी हम किसी नकारात्मक चीज या व्यक्ति से मिलते हैं तो हमारा ब्लड-प्रेशर हाई हो जाता है और हम डिप्रेस्ड फील करते हैं। हम बेचैन हो जाते हैं। यह स्थिति हमारी सेहत पर सीधा असर डालती है। ऐसे में अगर आप स्वस्थ रहना चाहते हैं तो अपने आसपास से निगेटिव चीजों और व्यक्तियों को दूर रखें। ऐसा करने से आप खुश रहेंगे और स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा। मन को भी शांति मिलेगी।
ईश्वर का ध्यान करें ।
अपनी व्यस्त दिनचर्या में से थोड़ा समय ईश्वर की पूजा-पाठ के लिए भी निकालें। कहते हैं कि जो सुख और शांति पूजा-पाठ करने से मिलती है, वह किसी और चीज से नहीं मिलती। पूजा-पाठ करने से आपका मन भी शांत रहेगा और आपको आत्मिक शांति भी मिलेगी ।
दोस्तों या परिवार से बात करें ।
अवसाद या तनाव के समय की इस कठिन परिस्थति के समय आप अपने परिवार के बीच में जाये अच्छे दोस्तों के साथ रहे जो आपके तनाव को कम कर रास्ते बनाने में अपनी अहम भूमिका का निर्वाह करते है। आपकी हर समस्याओं में आपकी मदद करते है। इससे बेचैनी कम होगी। मन शांत भी रेहगा।
आशा है आप इन बातों को पढ़कर मानसिक अशांति को दूर कर पाएंगे।