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रिश्तों में मिठास कैसे लाये – रिश्ते कैसे निभाए जाते हैं ? How to make relationships stronger.?

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किसी ने सच ही कहा है कि “एक अच्छा रिश्ता हमेशा हवा की तरह होना चाहिए, खामोश लेकिन आस-पास”। दुनिया में सभी लोग परफेक्ट नहीं होते और हर रिश्ता परफेक्ट नहीं हो सकता। किसी भी रिश्तों को शर्तों के आधार पर कायम नहीं कर सकते। अधिकांश रिश्ते आज इसलिए टूटते हैं क्योंकि हम उनसे ज़रूरत से ज्यादा अपेक्षा रखते हैं, उम्मीद रखते हैं।

रिश्तों की शुरुआत में ही ढेरों उम्मीदों का पहाड़ खड़ा कर लेना कोई समझदारी नहीं होती हैं। समय धीरे-धीरे रिश्तों को सींचता है, खूबसूरती के साथ हर रिश्तों को। यूँ कह सकते है कि रिश्तों में जो प्यार, भरोसा, आपसी सम्मान, और प्रगाढ़ता आती है। उसके लिए वक्त के साथ आपसी तालमेल और सूझ-बुझ की ज़रूरत होती है। आज हम आपको बताएंगे कि रिश्तों में मिठास कैसे लाया जा सकता है।

हम एक- दूसरे का सम्मान करें।

कोई रिश्ता मज़बूत तब बनता है, जब दोनों व्यक्ति एक-दूसरे का सम्मान करे। एक दूसरे की पृष्टभूमि का सम्मान करे। और ऐसा तब संभव होता है जब हम एक-दूसरे की भावनाओं का क़द्र करते हैं। यहां बातों को रखने में झिझक न हो। एक-दूसरे के सामने हम खुलकर कोई भी पसंद-नापसंद वाली बात रख सके। और यहाँ डरने के बजाये साथ बैठ कर विचार कर सके। ये तभी संभव है जब दोनों पक्ष एक-दूसरे पर भरोसा करते हो। अक्सर हम रिश्तें निभाते वक्त अपनी बुद्धिजीवी सोच को दूसरों पर हावी कर देते हैं। जिससे फिर धीरे-धीरे आपसी सम्मान खोने लगता है। ऐसा नहीं होना चाहिए क्योकि हर किसी को अपना आत्मसम्मान और स्वाभिमान प्यारा होता है।

एक-दूसरे को वक्त दें।

रिश्तों के लिए वक्त दवा बन गया है। वक्त के अभाव में रिश्ते दम तोड़ रहे हैं। किसी भी रिलेशन के लिए एक-दूसरे को समय देना बेहद ज़रूरी है। उदाहरण के तौर पर, एक नन्हें पौधे को बड़ा पेड़ बनाने के लिए एक माली को भी पौधे को वक्त देना पड़ता है। ठीक उसी तरह आपको भी हर रिश्तों में माली की भूमिका निभाना पड़ेगा। समय निकाल कर उसे देखना, अपने प्यार से बातें करना।

रिश्तों में ईमानदारी होनी चाहिए।

वो कहा गया है ना कि रिश्तों में ईमानदारी भरोसा पैदा करती है। इस दुनिया में सबसे महंगी चीज, अगर कुछ है तो वो है ईमानदारी। आप ईमानदार रहेंगे तभी जाकर सामने से वफ़ा की बात कर सकते हैं। चाहे रिश्ता कैसा भी हो, ईमानदारी दोनों तरफ से जरुरी है। ऐसा नहीं है कि सिर्फ एक तरफ से ईमानदार हो। दोनों तरफ से और दोनों व्यक्ति को ईमानदार होना जरुरी होता है।

विश्वास की डोर होना जरूरी।

किसी भी रिलेशन को मज़बूत बनाने के लिए सबसे अहम विश्वास होता है। आप सामने वाले विश्वास करना सीखे, चाहे रिश्ते में आप जिस
के साथ भी हो। मज़बूत रिश्ते की नींव तभी मजबूत होती है। प्यार है तो शक कैसा? और नहीं है तो फिर हक़ कैसा? बात-बात में शक करना सही नहीं है। कभी-कभी जो हम सामने वाले को लेकर सोच रहे होते हैं। वो सही नहीं होता। सामने वाले की बातों को सुनना और समझनी चाहिए कि उससे आपका रिश्ता कैसा है। कोई तीसरा आदमी आपके कान भरे तो उनपर इतनी जल्दी विश्वास मत करिये, क्योंकि आप अपने चाहने वाले को बेहतर तरीके से जानते हैं।

पुरानी बातों को भूलना,पैसों को बीच में न लाना।

आप इंसान हैं और इंसान का स्वाभाव में है गलती करना। कभी-कभी करीबी लोगो से भी गलती हो सकती है। किसी बातों को पकड़ कर न रखे। उसे माफ़ करे और रिश्तों में आगे बढ़ें। रिश्तों को पैसों से न तोलें, उसे अहमियत दें। कई बार ऐसा होता है, हम रिश्तों को अहमियत न देकर उन्हें पैसों से तौलने लग जाते हैं। कोई भी रिश्ता ज़िंदगी का अहम हिस्सा तब बनता है, जहाँ आपकी दी हुई चीजों को धन-दौलत से तौला न जाए।

इन चीजों को अपनाकर आप अपने रिश्तों में मिठास ला सकते हैं।

 

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