कुछ लोग सुबह की तरह होते हैं, तुम्हारे जीवन में सवेरा लाते हैं, उनसे बात करना, उन्हे समझना, ज्यादा खामोश मत रहना, समय व्यर्थ मत करना, क्योकि शाम तक वो चले जाते हैं !
Kuchh Log Subah Ki Tarah Hote Hai, Tumahre Jivan Me Savera Late Hai, Unse Baat Karna, Unhe Samjhna, Jyada Khamosh Mat Rahna, Samay Vyarth Mat Karna, Kyonki Sham Tak Vo Chale Jate Hai….!
100+ Motivational Thought In Hindi
मुझे जानना तुम्हारे हाथ में नही, पर स्वयं को जानना तुम्हारे हाथ में हैं, इसलिये, कोशिश करो समय रहते अपनी ऊर्जा का सही उपयोग करो, और वो करो जो तुम्हे बुद्ध बनाये !
Mujhe Janana Tumhare Hath Me Nahi Hai, Par Swyam Ko Janana Tumhare Hath ME Hai, Isliye, Koshish Karo Samay Rahte Apni Urja Ka Sahi Upyog Karo, Aur Vo Karo Jo Tumhe Buddh Banaye….!
100+ Motivational Thought In Hindi
हर सुबह मैं खुद से हिसाब करता हूँ जो सपने अधूरे है मैं उनसे बात करता हूँ !
Har Subah Main Khud Se Hisab Karta Hun Jo Sapne Adhoore Hai Main Unse Baat Karta Hu….!
100+ Motivational Thought In Hindi
अगर तुमने स्वयं पर विश्वास कर लिया हैं, और यह निर्णय ले लिया हैं कि तुम स्वयं के साथ हो, तो सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड की शक्ति तुम्हारे साथ हैं, तुम अकेले नही हो !
Agar Tumane Swyam Par Vishwas Kar Liya Hai, Aur Yah Nirnay Le Liya Hai Ki Tum Swyam Ke Sath Ho, To Sampurn Brahmand Ki Shakti Tumhare Sath Hai, Tum Akele Nahi Ho…!
100+ Motivational Thought In Hindi
साहस हैं तो लक्ष्य रख, लक्ष्य हैं तो विश्वास रख, विश्वास हैं तो धैर्य रख, धैर्य हैं तो सफर बन !
Sahas Hai To Lakshya Rakh, Lakshya Hai To Vishwas Rakh, Vishwas Hai To Dhairya Rakh Dhairya Hai Safar Ban…..!
बदला नही हू, बस खुद को समझ गया हू, इसलिये, मैं मौन हो गया हू !
Badla Nahi Hu, Bas Khud Ko Samjh Gya Hu, Isliye, Main Maun Ho Gya Hu….!
151+ Positive Motivational Quotes In Hindi
प्रेम से दिव्य कुछ भी नही, जिस दिन तुम ये समझ गये, अनंत हो जाओंगे !
Prem Se Divya Kuch Bhi Nahi, Jis Din Tum Ye Samjh Gaye, Anant Ho Jaoge…!
151+ Positive Motivational Quotes In Hindi
मुझे जब भी पढ़ो हृदय से पढ़ो, और बात रही मेरे परिचय की, तो वो समय पर छोड़ दो !
Mujhe Jab Bhi Pado Hraday Se Pado, Aur Baat Rahi Mere Parichay Ki, To Vo Samay Par Chhod Do…!
151+ Positive Motivational Quotes In Hindi
आपने जो मुझसे सीखा हैं, वो अपने आस – पास के लोगो को जरूर सिखाएं, क्या पता कुछ लोग इंसान बन जाये !
Aapne Jo Mujhse Seekha Hai, Vo Apne Aas Paas Ke Logo KO Jarur Sikhay, Kya Pta Kuch Log Insan Ban Jaye….!
151+ Positive Motivational Quotes In Hindi
मुझे कुछ हासिल नही करना हैं, और ना ही कभी मरना हैं, मुझे बस जीना हैं, और इतना जीना हैं, कि तुम्हे जगा सकू, जो भविष्य में एक क्रांती को जन्म दे !
Mujhe Kuch Hasil Nahi Karna Hai, Aur Na Hi Kabhi Marna Hai, Mujhe Bas Jeena Hai, Aur Itna Jeena Hai, Ki Tumhe Jga Saku, Jo Bhavishay Me Ek Kranti Ko Janm De…!
अपने भीतर प्रेम रखो, और सबका सम्मान करो, इसलिए नही कि मैं कह रहा हू, बल्कि इसलिए क्योकि यह तुम्हारा सौभाग्य हैं, कि तुम इंसान हो !
Apne Bhitar Prem Rakho, Aur Sabka Samman Karo, Isliye Nahi Ki Main Kah Rha Hu, Balki Isliye Kyonki Yah Tumhara Saubhagya Hai, Ki Tum Insan Ho….!
101+ Success Quotes In Hindi
परिस्थितियाँ कैसी भी हो, तुम्हारा साहस, तुम्हारा विश्वास, तुम्हारा जूनून लक्ष्य के प्रति कभी कम नही होना चाहिए, और जब ऐसा कुछ घटित हो तो ही कहना कि तुम सिकंदर हो !
Paristhiti Kaisi Bhi Ho, Tumhara Sahas, Tumhara Vishwas, Tumhara Junoon Lakshya Ke Prati Kabhi Kam Nahi Hona Chahiye, Aur Jab Aisa Kuch Ghatit Ho To Hi Kahna Ki Tum Sikandar Ho…..!
101+ Success Quotes In Hindi
यदि धैर्य अौर ईश्वर पर विश्वास बनाये रखो, तो दुख में ही सुख छूपा हैं, अंधकार में ही प्रकाश छूपा हैं, भीतर ही हर समस्या का समाधान छूपा हैं !
Yadi Dhairya Aur Ishwar Par Vishwas Banaye Rakho, To Dukh Me Hi Sukh Chhupa Hai, Andhakar Me Hi Prakash Chhupa Hai, Bhitar Hi Har Samsya Ka Samadhan Chhupa Hai…..!
101+ Success Quotes In Hindi
कभी धरती मिली, कभी ब्रह्माण्ड मिला, हर युग में मुझे, एक नया किरदार मिला !
Kabhi Dharti Mili, Kabhi Brahmand Mila, Har Yug Me Mujhe, Ek Naya Kirdar Mila….!
101+ Success Quotes In Hindi
सफर हैं ये हर पल याद रखा जाएगा, कल मैं चला भी गया तब भी मुझे याद रखा जाएगा !
Safar Hai Ye Har Pal Yaad Rakha Jayega, Kal Main Chla Bhi Gya Tab Bhi Mujhe Yaad Rakha Jayega…..!
कुछ भी मानो मत, जब तक तुम उसे जान नही लेते, क्योकि बिना जाने कुछ अपनाओगे, तो तुम बुद्ध नही बन पाओंगे, और यह जीवन व्यर्थ गवाओंगे !
Kuch Bhi Mano Mat, Jab Tak Tum Use Jaan Nahi Lete, Kyonki Bina Jane Kuch Apnaoge, To Tum Buddh Nahi Ban Paoge, Aur Yah Jivan Vyarth Gavaoge…!
1001+ Best Motivational Thought
स्वयं तक पहुचने की य़ात्रा, सबसे दिव्य हैं, और जो इस य़ात्रा में सफल हो गया, समझो वो बुद्ध हैं !
Swyam Tak Pahuchane Ki Yatra, Sabse Divya Hai, Aur Jo Is Yatra Me Safal Ho Gya, Samjho Vo Buddh Hai…!
1001+ Best Motivational Thought
तुम खुले पंछी की तरह उड़ना, अपने जीवन को अपने ढंग से जीना, इस समाज की बिलकुल फिक्र मत करना, क्योकि अगर समाज की फिक्र करोगे, तो तुम अंत तक पिंजरे में ही कैद रह जाओंगे !
Tum Khule Panchhi Ki Tarah Udna, Apne Jivan Ko Apne Dhang Se Jeena, Is Samaj Ki Bilkul Fikra Mat Karna, Kyonki Agar Samaj Ki Fikra Karoge, To Tum Ant Tak Pinjare Me Hi Kaid Rah Jaoge…!
1001+ Best Motivational Thought
मेरा जीवन तुम्हारे लिए हैं, जब भी तुम्हे मेरी आवश्यकता होगी, मेरी रूह तुम तक पहुच जाएगी !
Mera Jivan Tumhare Liye Hai, Jab Bhi Tumhe Meri Avshaykta Hogi, Meri Ruh Tum Tak Pahuch Jayegi….!
1001+ Best Motivational Thought
जो व्यक्ति तुम्हारे सुख के लिए, दुख अपनाने को राजी हो जाये, समझ लेना वो व्यक्ति ईश्वर ही हैं !
Jo Vyakti Tumhare Sukh Ke Liye, Dukh Apnane Ko Raji Ho Jaye, Samjh Lena Vo Vyakti Ishwar Hi Hai….!
पढ़ा करो कभी मेरे मौन को तुम, क्या पता तुम्हे रब मिल जाये !
Pada Karo Kabhi Mere Maun Ko Tum, Kya Pta Tumhe Rab Mil Jaye…!
100+ Motivational Quotes in Hindi 2023
तुम्हारा जीवन, तुम्हारी य़ात्रा, तुम्हारी मंजिल,तुम्हारे हाथ में हैं, अब देखना यह हैं कि अंधकार मिलने पर तुम रुक जाते हो, य़ा फिर प्रकाश की खोज में निकल जाते हो !
Tumhara Jivan, Tumhari Yatra, Tumhari Manjil, Tumhare Hath Me Hai, Ab Dekhna Yah Hai Ki Andhkar Milne Par Tum Ruk Jate Ho, Ya Fir Prakash Ki Khoj Me Nikal Jate Ho…!
100+ Motivational Quotes in Hindi 2023
अपने स्वाभाव को बदलो, खुद को भीतर से सुंदर बनाओ, और तब तक ऐसा करो, जब तक तुम्हारे आस – पास के लोगो को यह एहसास नही होता कि तुम्हारे साथ जीवन य़ात्रा करना सौभाग्य हैं !
Apne Swabhav Ko Badlo, Khud Ko Bhitar Se Sundar Banao, Aur Tab Tak Aisa Karo, Jab Tak Tumhare Aas Pas Ke Logo Ko Yah Mahsus Nahi Hota Ki Tumhare Sath Jivan Yatra Karna Saubhagya Hai…!
100+ Motivational Quotes in Hindi 2023
मेरे साथ केवल वही लोग चल सकते हैं, ज़िनके भीतर विद्रोह हो, क्रांती हो, मिट जाने का भय ना हो, जो स्वार्थी ना हो !
Mere Sath Kewal Wahi Log Chal Sakte Hai, Jinke Bhitar Vodroh Ho, Kranti Ho, Mit Jane Ka Bhay Na Ho, Jo Swarthi Na Ho…!
100+ Motivational Quotes in Hindi 2023
भीतर चलने वाली सांसे भी मेरी नही हैं, फिर मैं यह कैसे मान लू कि जो कुछ हो रहा हैं, वो मैं कर रहा हू !
Bhitar Chalne Wahi Sanse Bhi Meri Nahi Hai, Fir Bhi Yah Maan Lu Ki Jo Kuch Ho Rha Hai, Vo Main Kar Rha hu…!
आज कल काफी चर्चा में डॉ रेणु राज, जो आज कल आईएएस (IAS) बन काफी सुर्खियां बटोरती हुई नजर आ रही हैं। अपने मेडिकल कैरियर को बड़ावा देते हुए। डॉ रेणु राज ने आईएएस जैसी परीक्षा में भी अपना योगदान देते हुए सफलता को हासिल किया। तो आइए जानते हैं। डॉ रेणु राज के जीवन और उनके द्वारा पाई गई सफलता के बारे में।
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कौन है IAS Renu Raj
आईएएस डॉ रेणु राज (IAS Doctor Renu Raj) जिनका जन्म 11 जनवरी 1987 में केरल (Kerala) में हुआ था। जो एक सामान्य परिवार से तालुक रखती है ,रेणु राज को बचपन से ही पढ़ाई में काफी रुचि थी। जिस कारण उन्होंने पढ़ाई को अपनी जिंदगी में बेहद अनमोल बना के रखा। जो उन्हे एक ऊंची सफलता तक लेकर आया । डॉ रेणु राज के पिता, जो पेशे से एक कंडक्टर (Conductor) है। और उनकी माता घर गृहणी ( house wife) है।
कहा से प्राप्त की शिक्षा
डॉ रेणु राज जिन्होंने अपनी शिक्षा को काफी प्रेम दिया और अपनी सफलता को हासिल किया। इन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा 10th और 12 केरला के उच्च स्कूल सेट टेरेसा हायर स्कूल (Set Teresa Higher School) से प्राप्त की थी। जिसके बाद उन्होंने एमबीबीएस (MBBS) के लिए सरकारी कॉलेज में दाखिला लिया। अपको बता दे की रेणु राज के पति और उनकी बहने मेडिकल क्षेत्र से तालुक रखते है । लेकिन रेणु राज मेडिकल क्षेत्र में पढ़ाई करते करते हमेशा आईएएस परीक्षा की तैयारी के बारे में सोचती थी। क्योंकि उनका सपना था की वे एक बार आईएएस जैसी उच्च परीक्षा जरूर दे।
एक ही प्रयास में क्लियर किया आईएएस का एग्जाम
हम सब ने अक्सर कई बच्चो को आईएएस की परीक्षा देते हुए देखा है। लेकिन इस परीक्षा को कोई कोई बच्चा ही पास कर पता हैं। क्य्योंकी यह भारत की सबसे कठिन परीक्षा में से एक है। जिसे पास करने के लिए बड़े बड़े कोचिंग सेंटर में दाखिला लेकर इस परीक्षा की तैयारी करनी होती है। लेकिन, रेणु राज द्वारा देखा गया आईएएस बनने का सपना और उनके द्वारा किया गया दृढ़ संकल्प, उन्हे अपनी लक्ष्य की और ले गया। जिसके बाद उन्होंने आईएएस की परीक्षा को पहले ही प्रयास में पास कर दिखाया और एक मिसाल कायम की ।
किस तरह की तैयारी
डॉ रेणु राज जो आज की युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा बनी है । जिनके कदमों पर चल कर हर बच्चा अपने आईएएस की परीक्षा को पास कर के सफलता को हासिल कर सकता हैं। रेणु राज का कहना है। की उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी यूट्यूब पर विडियोज देख कर की और कड़ी मेहनत से नोट्स बना कर शुरू की। जिसमे उन्होंने प्रीलिम्स और मेन्स की तैयारी एक साथ ही पूरी की। क्योंकि प्रीलिम्स की परीक्षा के 15 दिन बाद ही मेंस की परीक्षा होती है। जिस कारण उन्होंने दोनो तैयारी एक साथ की। और साथ ही उन्होंने कक्षा 7वी 8वी 9वी 10वी 11वी 12वी की एनसीईआरटी की बुक्स को पढ़ा।
आईएएस डॉ रेणु राज की वर्तमान पोस्टिंग
अपने सपने को साकार करने के बाद उन्होंने अपना पद हासिल किया। जिसमे वह 12 जून 2015 में त्रिशूर, केरल की सब कलेक्टर (Sub collector) के रूप में निखर के आई। जिसके बाद अब उनकी पोस्टिंग वर्तमान में केरल, वायनाड में जिलाधिकारी रूप में हुई।
पहले पति से लिया तलाक और अब दुबारा की शादी
डॉ रेणु राज जिनका सफर उनके कैरियर में तो काफी अच्छा रहा, उन्हे हर कदम पे सफलता को हासिल किया। लेकिन उनके जीवन में उन्हे कही चीज़ों का सामना करना पड़ा। उन्हे अपनी पहली शादी में तलाक का सामना करना पड़ा। जिसकी कोई भी खबर सोशल मीडिया पर नहीं है। जिसके बाद उन्होंने अब 2020 में अपनी दूसरी शादी की घोषणा के बाद अपने प्रेमी संग शादी रचाई और उनके साथ प्रेम बंधन में बंध गई।
Brahmacharya– मानव शरीर पांच तत्व आकाश,जल,वायु,अग्नि और मिटटी से मिल कर बना है इसी प्रकार मानव शरीर में पांच ज्ञानेद्रिया नाक,कान,आँख,जीव और त्वचा है, इन इन्द्रियों को बस में रखना बहुत जरुरी है लेकिन आज के समय में मानव शरीर पर इन इन्द्रियों का दुषप्रभाव है, जिसकी बजह से व्यक्ति बहुत परेशान,चिंतित और मानसिक रोग से ग्रस्त है, हमारे सनातन धर्म में पांच इन्द्रियों पर काबू करने के लिए ब्रह्मचर्य का पालन करना बताया गया है l
Brahmacharya- ब्रह्मचर्य क्या है ?
ब्रह्मचर्य का अर्थ है अपनी इन्द्रियों को बस में रखना, ब्रह्मचर्य संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ होता है “ब्रह्मा के चरणों में चलना” या “ब्रह्म की यात्रा करना”. यह एक पुरानी भारतीय आध्यात्मिक पद्धति है जिसका मुख्य उद्देश्य है इंद्रियों को नियंत्रित करके ब्रह्मा या आत्मा की अनुभवयात्रा करना। यह एक व्यक्ति के जीवन में आत्मविश्वास, धार्मिकता और आध्यात्मिक प्रगति को बढ़ावा देने का एक मार्ग है।
लोगो को बताया ही नहीं जाता की ब्रह्मचर्य क्या है ? और इससे मानव जीवन का कितना और किस प्रकार विकास हो सकता है l केवल इसी अज्ञानता के कारण बड़े बड़े शिक्षित नवयुवक आज अशिक्षा के अंधकार में पड़े हुए है l कमोतोजक और विलासी वस्तुओ के दास बनकर वे अपने शारीरिक शक्तियों का अपव्यय कर रहे है l उन्हें मालूम नहीं की शरीर की भिंती को स्थायी रखने वाली नीव को हम अपने ही हाथो से गिरा रहे है !
ब्रह्मचर्य को आध्यात्मिक साधना के रूप में भी देखा जाता है, जिसमें एक व्यक्ति अपनी इच्छा और भावनाओं को नियंत्रित करके सत्य, शुद्धता और सामर्थ्य की अवस्था को प्राप्त करने का प्रयास करता है।
ब्रह्मचर्य के नियम – (Brahmacharya)
Brahmacharya के मार्ग का चयन: ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करने से पहले, व्यक्ति को अपने जीवन में ब्रह्मचर्य को समझने की आवश्यकता होती है, और इसे अपने अनुसार स्वीकार करना चाहिए। यह एक योग्य और सुसंगत मार्ग का चयन करना शामिल होता है, जो उसके धार्मिक और आध्यात्मिक उन्नति के लिए सहायक होता है। शारीरिक ब्रह्मचर्य: शारीरिक ब्रह्मचर्य में व्यक्ति को अपने इंद्रियों को नियंत्रित करने का प्रयास करना होता है। इसका अर्थ है, व्यक्ति को विवेकपूर्वक और सावधानीपूर्वक अपनी इंद्रियों का उपयोग करना जिससे कि वह अपने इंद्रियों के वशीभूत होकर विषयों की ओर न जाए l
ब्रह्मचर्य के महत्वपूर्ण गुण –
Brahmacharya में व्यक्ति अपने शारीरक गतिविधियों पर नियंत्रण रखता है अपने कार्य के लिए दुसरो पर निर्भर नही रहता है, अपने मन को वश में रखना सीखना होता है, ब्रह्मचर्य का पालन करने वाले व्यक्ति का जीवन पूर्ण रूप से शुद्ध होता है, मानव को अपने जीवन में विवाह से पहले ब्रह्मचर्य का पालन करना अनिवार्य बताया गया है , Brahmacharya में मानव को अपनी गतिविधियों के साथ साथ खान पान को भी पुर्णतः शुद्ध रखना जरुरी है, पुराने ज़माने से चली आ रही कहावत इसका बहुत बड़ा उदाहरण है
ब्रह्मचर्य के लाभ: ब्रह्मचर्य का पालन करने से मन, शरीर, और आत्मा को आनंद, शांति, और सुख मिलता है। इसके अलावा यह आत्मसम्मान, संतुष्टि, उच्चता की भावना, और सम्पूर्णता के अनुभव को प्रदान करता है।
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जैसा खाओगे अन्न वैसा होगा मन
ब्रह्मचर्य की आवश्यकता –
Brahmacharya की आवश्यकता धार्मिक, आध्यात्मिक, सामाजिक और शारीरिक स्तर पर हो सकती है। यह एक व्यक्ति के विकास और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण आदर्श है। निम्नलिखित कुछ कारण हैं जिनके कारण ब्रह्मचर्य की आवश्यकता हो सकती है,
आध्यात्मिक विकास: ब्रह्मचर्य आध्यात्मिक प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह मन को संतुलित रखकर और अवास्तविक आकर्षणों से दूर रहकर आध्यात्मिक अनुभव को संभव बनाता है। यह विचारशीलता, शांति, ध्यान, और धार्मिक उन्नति के लिए महत्वपूर्ण है
सामाजिक संतुलन: ब्रह्मचर्य सामाजिक संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। यह व्यक्ति को संबंधों, संगठनों और समाज के साथ एक साथी और समरस्थ बनाने में मदद करता है।
व्यक्तिगत स्वास्थ्य: ब्रह्मचर्य शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण है। यह विकार्य लैंगिक संबंधों से बचने और जननांगों के स्वस्थ्य रखने में मदद करता है। यह यौन संचारित रोगों और अनचाहे गर्भावस्था के जोखिम को कम कर सकता है।
ब्रह्मचर्यके लाभ –
आज के समय में मानव का Brahmacharya बिगड़ गया है, एक मन भोजन से एक बार का वीर्य बनता है , मानव अपनी मन की शांति के लिए दिन में कई कई वार वीर्य नास कर देता है, जिसके कारण शारीर में कमजोरी, मन अशांत रहता है, कार्य में दृढ़ता समाप्त हो जाती है मानव के जीवन में गलत आचरण और गलत क्रिया करने की बजह से मानव तन मन दोनों से कमजोर होता जा रहा है l
वीर्य नास को मानव एक क्रिया समझ कर उसे बहाता रहता है, मानव समझता है इससे हमारे शारीर पर कोई प्रभाव नही पड़ेगा लेकिन उसके उलट बहुत दुष्प्रभाव पड़ते है , अगर ब्रह्मचर्य (Brahmacharya) का पालन करके वीर्य को बचाया जाये तो एक शक्तिशाली मन और शरीर का विकस किया जा सकता है ,कार्य करने में भी आनंद आयेगा , और आप अपने लक्ष्य को पाने के लिए अपने मन को मजबूत बना पाओगे l
वीर्य रक्षा के नियम –
मानव जीवन का मूल उद्देश्य संसार पर विजय प्राप्त करना है और यह तभी संभव हो सकता है जब इन्द्रियों को अपने वश में किया जाय, इन्द्रियां खाली समय में पाप मार्ग की और दौड़ती है , उसी समय उन्हें उस मोहमयी दुनिया कीओर भागने का अवसर मिलता है l इसलिए मनुष्य का कर्तव्य है की वह उन इन्द्रियों को , जिनसे पाप की श्रृष्टि होती है , सदैव अच्छे कामो में लगाये रहे l उन्हें बुरे कार्यों की ओर जाने का समय न दे l इससे ब्रह्मचर्य साधन में सहायता मिलेगी l शरीर की शक्तियों का विकास होगा और हृदय में आत्मिक ज्ञान का प्रकाश उत्पन्न होगा l
प्रतेक ब्रह्मचारी को परिश्रमपूर्ण कार्यो में लगा रहना चाहिए l अच्छी और सुरुचिपूर्ण पुस्तकों का अध्ययन करना चाहिए , ईश्वर की प्रार्थना तथा महापुरुषों के जीवन चरित्र का पाठ करना चाहिए | सद्वृत्तियों का सहारा लेना चाहिए , यही ब्रह्मचर्य के मूल साधन है l प्रतेक ब्रह्मचारी को इन्ही का सहारा लेना चाहिए l इन नियमो का पालन कर कोई भी मनुष्य अपनी वीर्य शक्ति को शुरक्षित रख सकता है l
ब्रह्मचर्य पर विद्वानों की सम्मतियाँ
स्वामी नित्यानंद – वीर्य से आत्मा को अमरत्व प्राप्त होता है , अतः प्रतेक स्त्री पुरुष को ब्रह्मचर्य व्रत पालन करना चाहिए | स्वामी विवेकानंद – वीर्य ही साधुता है और दुर्बलता पाप भी , अतः बलवान और वीर्यवान बनने की चेष्टा करनी चहिये l महात्मा ईसा – ईश्वर के राज्य में सर्वप्रिय बनने के लिए अविवाहित जीवन बिताना अत्यंत धर्म है l दुसरे शब्दों में ब्रह्मचर्य जीवन ही स्वर्गिक आदेश है l