Atal Bihari Vajpayee
छोटे मन से कोई बड़ा नहीं हो सकता ।
टूटे मन से कोई खड़ा नही हो सकता ।
सफलता मेहनत से ही मिलती है इसी हौसले से कुछ लोग चलते है जिनको सफलता चाहिए होती है वे अच्छी मेहनत और पूरी लगन से चलते है हमारे भारत में लोग मेहनत और लगन पर पूरा विश्वास करते है क्योंकी जीवन का नाम ही संघर्ष है अपनी सफलता के साथ साथ समाज को बदलने की चाह लेकर आए हमारे प्रिय अटल बिहारी वाजपेयी जी, देश भक्त, कर्मनिष्ठ, बेहतरीन कवि थे, अटल जी एक पूर्ण रूप से ईमानदार , बेहतरीन वक्ता, सक्षम प्रशासक,देशभक्त दूरदर्शी होने के साथ साथ वादविवाद करता और कवि थे । आइए पूर्ण रूप से इनके जीवन पर चर्चा करते है
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श्रेणी | विवरण |
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पूरा नाम | अटल बिहारी वाजपेयी |
जन्म तिथि | 25 दिसंबर, 1924 |
जन्म स्थान | ग्वालियर, मध्य प्रदेश, ब्रिटिश इंडिया |
शिक्षा | विक्टोरिया कॉलेज, ग्वालियर से राजनीति विज्ञान में स्नातक (बीए) |
राजनीतिक पार्टी | भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा) |
किये गए पद | भारत के प्रधानमंत्री (1998-2004) |
विदेशी मामलों के मंत्री (1977-1979, 1980-1996) | |
सांसद का सदस्य (1957-2009) | |
प्रमुख उपलब्धियाँ | पोखरण II न्यूक्लियर परीक्षण करने, आर्थिक सुधार शुरू करने, गोल्डन क्वाड्रेलेटरल परियोजना की शुरुआत करने |
पुरस्कार | पद्म विभूषण (1992), भारत रत्न (2015) |
मृत्यु तिथि | 16 अगस्त, 2018 |
मृत्यु स्थान | नई दिल्ली, भारत |
श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का जीवन परिचय
आज हम एक ऐसे व्यक्ति के जीवन के बारे में जानने जा रहे है जो एक देशभक्त कवि ,वादविवाद करता रहे थे । इनका जन्म 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में हुआ था ग्वालियर इस समय ब्रिटिश भारत के नाम से जाना जाता था अब यह मध्यप्रदेश के नाम से जाना जाता है, अटल जी का मूल निवास उत्तर प्रदेश के प्राचीन स्थान बटेश्वर में है, (Atal Bihari Vajpayee) श्री अटल बिहारी वाजपेयी के पिता जी श्री पंडित कृष्ण बिहारी वाजपेयी है जो मध्यप्रदेश के ग्वालियर में अध्यापक थे अटल जी की माता का नाम श्री मति कृष्ण देवी है ।
श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का व्यक्तिगत जीवन
श्री अटल जी (Atal Bihari Vajpayee) का जीवन बहुत ही विनम्र और शांत स्वभाव का था, पूरे जीवन भर श्री अटल जी अविवाहित रहे और अपने जीवन में दो लड़कियों को गोद लिया अपने मित्र की बेटी राकुमारी कोल की पुत्री वी एन कोल और नमिता भट्टा चार्य का पालन पोषण किया, राजकुमारी कोल की मृत्यु 2014 में हो चुकी थी। अटल बिहारी जी के साथ मिलकर नमिता और उनके पति रंजन भट्टाचार्य कविता और काव्य निर्माण करते थे l
श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की शिक्षा
अटल जी के पिता जी ग्वालियर में अध्यापक थे अध्यापक होने के साथ साथ वे एक हिंदी और ब्रज भाषा के कवि थे । अटल जी में काव्य की रुचि उनके वनसानुगत थे श्री अटल जी ने अपनी बी ए की शिक्षा ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज ( वर्तमान में रानी लक्ष्मी बाई के नाम से जाना जाता है ) पूरी की । उसी समय राष्ट्रीय स्वयंसेवक से जुड़े और वाद विवाद में हिस्सा लेना शुरू किया
श्री अटल जी ने डी ऐ बी कॉलेज से राजनीतिक शस्त्र से प्रथम श्रेणी में एम ए की परीक्षा उत्तीर्ण की बाद में अपने पिता जी के साथ कानपुर के कॉलेज से कानून की पढ़ाई की पिता जी और अटल जी दोनो एक साथ कानून पड़ रहे थे परन्तु अटल जी को बीच में पढ़ाई को विराम देना पड़ा । पंडित दीनदयाल उपाध्याय के साथ राजनीति के पाठ तो पड़े ही साथ ही वीर अर्जुन ,राष्ट्र धर्म , और दैनिक स्वदेश में कुशलता पूर्वक संपादक का कार्य करते थे ।
श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के जीवन में राजनीति का प्रभाव
श्री अटल जी भारतीय जनसंघ की स्थापना करने वालो में से एक थे । ये 1968 से 1973 तक भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष भी रहे श्री अटल जी ने 1952 लोक सभा का चुनाव लड़ा, लेकिन सफलता नहीं मिली लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और 1957 में बलरामपुर (जिला गोंडा उत्तरप्रदेश) से भारतीय जनसंघ के प्रत्यासी के रूप में जीत कर लोकसभा में पहुंचे 1957 से 1977 तक भारतीय जनसंघ के नेता रहे मोरारजी देशाई की सरकार में 1977 से 1979 तक विदेश मंत्री रह कर देश की छवि को विदेश में बनाई l
6 अप्रैल 1980 को बनी भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष भी श्री अटल जी थे , 1996 में अटल जी ने प्रधान मंत्री की सपथ ली और देश की भाग दौड़ सभाली 19 अप्रैल 1998 में दोबारा अटल जी ने प्रधानमंत्री पथ की सपथ ली और 13 दलों के गठबंधन की सरकार के साथ मिल कर देश के विकाश में 5 वर्ष में अनेक आयाम छुए l

श्री अटल बिहारी वाजपेयी का भारत को परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र बनना
अटल बिहारी वाजपेयी जी ने अपनी सरकार में रहते हुए पोखरण में कुछ भूमी में 13 मे 1998 को परमाणु विस्फोट करके भारत को परमाणु शक्ति से संपन्न देश बनाया, अटल जी ने ये काम इतनी सावधानी से किया की पडोसी राज्यों को भनक भी नही लगने दी और पश्चिमी देशो के खुफिया एजेंसी को भनक तक नही लगने दी दुसरे देशो को जब पता चला तब तक अटल जी ने भारत को परमाणु शक्ति प्रदान कर चुके थे, उनके विरोध का दट के सामना किया पश्चिमी देशो ने भारत पर अनेक प्रतिबन्ध लगाये लेकिन अटल जी ने सब का जम कर सामना करते हुए देश को विकाश की तरफ लेते चले गए l
पाकिस्तान से सम्बन्ध सुधारने में पहल – (Atal Bihari Vajpayee)
19 फरवरी 1999 को सदा ए सरहद नाम से दिल्ली से लाहोर तक बस सेवा शुरु की गई इसका उद्घाटन श्री अटल विहारी जी द्वारा किया गया और पहले बस यात्री बने और दिल्ली से लाहोर तक जा कर नवाज सरीफ से मुलाकात की और आपसी समंधो में एक नयी सुरुआत दी
श्री अटला जी का कारगिल युद्ध में महत्वपूर्ण निर्णय
कुछ समय पश्चात् पाकिस्तान के तत्कालीन पाकिस्तानी सेना के प्रमुख चीफ परवेज मुशर्रफ़ के निर्देश पर उनके देश के उग्रवादियों ने भारत के कारगिल पर हमला वोल दिया और भारत की कुछ पार्वती चोटी पर कव्जा कर लिया, श्री अटल जी बड़े ही विनम्र रूप से सारे नियंमो का उलंघन न करते हुए पाकिस्तानी सेना को कारगिल से खदेड़ दिया और भारत को उग्रवादियों से मुक्त कराया लेकिन इस वजह से भारत को जान और माल का काफी नुकशान हुआ l
स्वर्णित चतुर्भुज परियोजना – (Atal Bihari Vajpayee)
अटल बिहारी वाजपेयी जी ने भारत के बड़े बड़े शहर दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई और मुंबई को राजमार्गो से जोड़ने के लिए स्वर्णित चतुर्भुज परियोजना की सुरुआत की ऐसा माना जाता है की जीतने रोड का विकाश अटल जी के ज़माने में हुआ है उतना शेरशाह सूरी के साशन काल में हुआ था l

श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की उपलब्धिया
पुरस्कार | वर्ष |
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भारत रत्न | 2015 |
पद्म विभूषण | 1992 |
लोकमान्य तिलक पुरस्कार | 1994 |
सर्वश्रेष्ठ संसदीय पुरस्कार | 1994 |
कानपुर विश्वविद्यालय द्वारा D. Lit. (Honoris Causa) | 1996 |
अग्रा विश्वविद्यालय द्वारा D. Litt. (Honoris Causa) | 1999 |
उत्कृष्ट संसदीय पुरस्कार | 1997 |
लोकमान्य तिलक पुरस्कार | 2002 |
भारत में सर्वश्रेष्ठ प्रशासक पुरस्कार | 2002 |
उत्कृष्ट संसदीय पुरस्कार | 2005 |
भारत रत्न पंडित गोविंद वल्लभ पंत पुरस्कार | 2011 |
भारत रत्न पंडित दीनदयाल उपाध्याय पुरस्कार | 2015 |
श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने अपने जीवन में कई उप्लाव्धिया प्राप्त की उसमे से सबसे ऊपर 2015 में सरकार द्वारा दिया गया (भारत रत्न) जिसे की भारत के सर्वोच्च पद के रूप में जाना जाता है और फिर परमाणु निरीक्षक भारत के प्रथम गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री, पद्म विभूषण और अनेक पद प्राप्त हुए जैसे लोकमान्य तिलक पुरस्कार, श्रेष्ठ सासंद पुरस्कार, इत्यादि
श्री अटल विहारी जी की अंतिम स्वास
अटल बिहारी वाजपेयी जी की मृत्यु का दुःख पुरे भारत को था, 2009 में अटल जी को दिल का दौरा पड़ा उसके कुछ समय पश्चात अटल जी के किडनी में इन्फेक्शन के कारण उनकी तवियत ख़राब होने लगी और वे वोलने में भी असक्षम हो गए, 16 अगस्त 2018 को दिल के दौरे के कारण श्री अटल विहारी वाजपई जी ने में इस दुनिया में अपनी आखरी स्वास ली और भारत को इतनी उप्लाव्धिया दिला कर अपने जीवन को त्याग दिया और उनके पार्थिव शारीर को अंतिम संस्कार के लिए लेजाया गया अटल जी आजीवन तक भारत के इतिहास में स्वर्ण अक्षर में लिखा जाना चाहिए और अटल जी पुरे भारतीयों के दिलो में रहेगे
तथ्य | विवरण |
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शिक्षा और शिक्षा | आटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर, 1924 को ग्वालियर, मध्य प्रदेश, ब्रिटिश इंडिया में हुआ था। |
कवि और वक्ता | वाजपेयी एक कुशल कवि और वक्ता थे, जिनके प्रख्यात भाषणों के लिए जाना जाता था। उन्होंने कई कविता संग्रह प्रकाशित किए। |
भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा) के संस्थापक सदस्य | वाजपेयी ने 1980 में भा.ज.पा के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह इसके संस्थापक सदस्यों में से एक थे। |
पूरा कार्यकाल पूरा करने वाले पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री | वाजपेयी 1998 से 2004 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे और उन्होंने इस दौरान पूरा कार्यकाल पूरा किया, जो कांग्रेस से बाहर का पहला पीएम था। |
पोखरण II न्यूक्लियर परीक्षण | वाजपेयी के नेतृत्व में, भारत ने मई 1998 में पोखरण II न्यूक्लियर परीक्षण किए, जिससे भारत को एक न्यूक्लियर शक्ति के रूप में स्थापित किया गया। |
पाकिस्तान के साथ लाहौर समझौता | 1999 में, वाजपेयी ने एक ऐतिहासिक बस यात्रा पर लाहौर, पाकिस्तान की ओर निकलकर लाहौर समझौता पर हस्ताक्षर किए, जो दोनों देशों के बीच शांति और सहयोग के लिए था। |
मध्यम और समावेशी शासन दृष्टिकोण के लिए प्रसिद्ध | वाजपेयी को मध्यम और समावेशी शासन शैली के लिए जाना जाता था, जिसमें आर्थिक सुधार और बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित था। |
वित्तीय सुधारों को प्रस्तुत करने और गोल्डन क्वाड्रेलेटरल परियोजना की शुरुआत | वाजपेयी की सरकार ने महत्वपूर्ण आर्थिक सुधारों को लागू किया और गोल्डन क्वाड्रेलेटरल महामार्ग परियोजना जैसे बहुमुखी परियोजनाओं की शुरुआत की। |
राजनीतिक विचारधारा के समूह में व्यापक समर्थन वाले एक राजनेता | वाजपेयी को अनेक दलों के नेताओं द्वारा अत्यधिक सम्मान और प्रशंसा मिली, चाहे वह उनके अपने दल के अंदर हों या बाहर। |
पद्म विभूषण और भारत रत्न प्राप्तकर्ता | वाजपेयी को पद्म विभूषण (1992) और भारत रत्न (2015) जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। |
नैनं छिद्रन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावक:
न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुत
अर्थ -आत्मा को न शस्त्र काट सकते हैं, न आग उसे जला सकती है। न पानी उसे भिगो सकता है, न हवा उसे सुखा सकती है
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