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ये कहानियाँ आपको सफल बना सकती है || 3 Best Motivational Story Hindi

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प्रेणादायक कहानियां जो आपकी ज़िन्दगी बदल देती है। अगर जिंदगी में कुछ पाना हो, करना हो उन सभी के लिए प्रेरक प्रसंग बहुत की उपयोगी सिद्ध होते है। यह हमे Motivate करते है, क्योंकि जब तक हमारे जीवन में कोई प्रेरक प्रसंग नही होगा, तब तक हम आगे बढ़ नही सकते और ना ही सफल हो सकते है। कई लोगो में सेल्फ मोटिवेशन होता है। आज हम 3 प्रेणादायक कहानियां आपको बताएंगे जिसको पढ़ के आपको ज़िंदगी में सफल होने की सिख मिलेगी।

1. हार कर खुद से जीता ।

हरीश नाम का एक लड़का था उसको दौड़ने का बहुत शौक था
वह कई मैराथन में हिस्सा ले चुका था ।परंतु वह किसी भी दौड़ को पूरा नही करता था ।एक दिन उसने ठान लिया कि चाहे कुछ भी हो जाये वह दौड़ पूरा जरूर करेगा। अब रेस शुरू हुई ।हरीश ने भी दौड़ना शुरू किया धीरे 2
सारे धावक आगे निकल रहे थे
मगर अब हरीश थक गया था
वह रुक गया फिर उसने खुद से बोला अगर मैं दौड़ नही सकता तो कम से कम चल तो सकता हूं।
उसने ऐसा ही किया वह धीरे-धीरे
चलने लगा मगर वह आगे जरूर बढ़ रहा था ।अब वह बहुत ज्यादा थक गया था और नीचे गिर पड़ा
उसने खुद को बोला की वह कैसे भी करके आज दौड़ को पूरी जरूर करेगा वह जिद करके वापस उठा लड़खड़ाते हुए आगे बढ़ने लगा और अंततः वह रेस पूरी कर गया । माना कि वह रेस हार चुका था लेकिन आज उसका विश्वास चरम पर था क्योंकि आज से पहले वह दौड़ को कभी पूरा ही नही कर पाया था वह जमीन पर पड़ा हुआ था क्योंकि उसके पैरों की मांसपेशियों में बहुत खिंचाव हो चुका था । लेकिन आज वह बहुत खुश था
क्योंकि आज वह हार कर भी जीता था । हरीश की कहानी से हमे यही सीखने को मिलता है कि अगर हम लगातार आगे बढ़ते रहे तो एक दिन हम हारकर भी जीत
जाएंगे ।

2.परिस्थितियों को दोष देना ।

कुछ समय पहले की बात है।
एक आदमी रेगिस्तान में फंस गया था । वह मन ही मन अपने आप को बोल रहा था कि यह कितनी अच्छी और सुंदर जगह है
अगर यहां पर पानी होता तो यहां पर कितने अच्छे-अच्छे पेड़ उग रहे होते । और यहां पर कितने लोग घूमने आना चाहते होंगे
मतलब वह आरोप कर रहा था
कि यह होता तो वो होता और वो होता तो शायद ऐसा होता । ऊपरवाला देख रहा था अब उस इंसान ने सोचा यहां पर पानी नहीं दिख रहा है । उसको थोड़ी देर आगे जाने के बाद उसको एक कुआं दिखाई दिया जो कि
पानी से लबालब भरा हुआ था । वह खुद से काफी देर तक विचार-विमर्श करता रहा ।
फिर बाद में उसको वहां पर एक रस्सी और बाल्टी दिखाई दी इसके बाद कहीं से
एक पर्ची उड़ के आती है जिस पर्ची में लिखा हुआ था कि तुमने कहा था कि यहां पर पानी का कोई श्रोत नहीं है अब तुम्हारे पास पानी का स्रोत भी है
अगर तुम चाहते हो तो यहां पौधे लगा सकते हो
पर वह इंसान वहाँ से बिना पेड़ लगाए चला गया।
यह कहानी हमें यह सिखाती है कि कुछ लोग सिर्फ परिस्थिति को दोष देना जानते हैं अगर उनके पास उपयुक्त स्रोत हो तो वह परिस्थिति को नहीं बदल सकते
सिर्फ वह आरोप करना जानते हैं लेकिन हमे ऐसा नहीं बनना है
यह कहानी हमें यह बताती है कि
अगर आप चाहते हो कि
परिस्थितियां बदले और आपको अगर उसके लिए उपयुक्त साधन मिल जाए तो आप अपना एक परसेंट योगदान तो दे ही सकते हैं।

3. ईमानदारी का फल ।

काफी समय पहले की बात है प्रतापगढ़ नाम का एक राज्य था वहाँ का राजा बहुत अच्छा था
मगर राजा को एक सुख नही था
वह यह कि उसके कोई भी संतान नही थी । वह चाहता था कि अब वह राज्य के अंदर किसी योग्य बच्चे को गोद ले ताकि वह उसका उत्तराधिकारी बन सके और आगे की बागडोर को सुचारू रूप से चला सके ।और इसी को देखते हुए राजा ने राज्य में घोषणा करवा दी की सभी बच्चे राजमहल में एकत्रित हो जाये ।
ऐसा ही हुआ राजा ने सभी बच्चो को पौधे लगाने के लिए भिन्न भिन्न प्रकार के बीज दिए और कहा कि अब हम 6 महीने बाद मिलेंगे और देखेंगे कि किसका पौधा सबसे अच्छा होगा । महीना बीत जाने के बाद भी एक बच्चा ऐसा था जिसके गमले में वह बीज अभी तक नही फूटा था
लेकिन वह रोज उसकी देखभाल करता था और रोज पौधे को पानी देता था। देखते ही देखते 3 महीने बीत गए बच्चा परेशान हो गया । तभी उसकी माँ ने कहा कि बेटा धैर्य रखो कुछ बीजो को फलने में ज्यादा वक्त लगता है
और वह पौधे को सींचता रहा
6 महीने हो गए राजा के पास जाने का समय आ चुका था ।
लेकिन वह डर हुआ था कि सभी बच्चो के गमलो में तो पौधे होंगे और उसका गमला खाली होगा
लेकिन वह बच्चा ईमानदार था ।
सारे बच्चे राजमहल में दोबारा एकत्रित हुए। कुछ बच्चे जोश से भरे हुए थे क्योंकि उनके अंदर राज्य का उत्तराधिकारी बनने की प्रबल लालसा थी । अब राजा ने आदेश दिया सभी बच्चे अपने अपने गमले दिखाने लगे
मगर एक बच्चा सहमा हुआ था क्योंकि उसका गमला खाली था
तभी राजा की नजर उस गमले पर गयी उसने पूछा तुम्हारा गमला तो खाली है । तो उसने कहा लेकिन मैंने इस गमले की 6 महीने तक देखभाल की है । राजा उसकी ईमानदारी से खुश था कि उसका गमला खाली है फिर भी वह हिम्मत करके यहाँ आ तो गया । सभी बच्चों के गमले देखने के बाद राजा ने उस बच्चे को सभी के सामने बुलाया बच्चा सहम गया। और राजा ने वह गमला सभी को दिखाया
सभी बच्चे जोर से हसने लगे
राजा ने कहा शांत हो जाइये ।
इतने खुश मत होइए आप सभी के पास जो पौधे है वो सब बंजर है आप चाहे कितनी भी मेहनत कर ले उनसे कुछ नही निकलेगा
लेकिन असली बीज यही था
राजा उसकी ईमानदारी से बेहद खुश हुआ।
और उस बच्चे को राज्य का उत्तराधिकारी बना दिया गया ।
इस कहानी से हमें यह सीखने को मिला की अपने अंदर ईमानदारी का होना बहुत जरूरी है । अगर हम खुद के साथ ईमानदार है तो जीवन के किसी न किसी पड़ाव में सफल हो ही जाएंगे ।

आशा है इस प्रेरणादायक कहानियों को पढ़ कर आप अपने जीवन मे इसे लागू करने का प्रयत्न भी करेंगे।

 

 

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